यह प्रशिक्षण आधुनिक तकनीकी द्वारा चारा उत्पादन विषय पर ग्राम पंचायत धनौरी, ब्लॉक रूड़की में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में कुल 22 पशुपालक महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
प्रशिक्षण का संचालन नईं राहें सीएलएफ के सहयोग से किया गया, जिसमें मास्टर ट्रेनर के रूप में अनुज कुमार (सहायक विस्तार, कृषि एवं पशुपालन, ब्लॉक रूड़की) ने प्रतिभागियों को विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम में चारा उत्पादन के महत्व, प्रमुख चारा फसलें नेपियर घास, मक्का, जौ, ज्वार और बरसीम, तथा उनकी वैज्ञानिक खेती तकनीक पर विस्तार से चर्चा की गई। महिलाओं को भूमि की तैयारी, बीज चयन, बुआई, सिंचाई, निराई और संतुलित खादध्उर्वरक के प्रयोग की व्यावहारिक जानकारी भी दी गई।
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण पशुपालकों को पौष्टिक व किफायती चारा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना था, जिससे पशुओं का स्वास्थ्य सुधरे और दूध उत्पादन में वृद्धि हो। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और समस्याओं के समाधान पर भी चर्चा की।
इस पहल से ग्रामीण महिलाओं और किसानों को न सिर्फ आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि पशुपालन क्षेत्र में सतत आजीविका और बेहतर जीवन स्तर की दिशा में भी एक ठोस कदम सिद्ध होगा।