आपदा आते ही केंद्र को गाली देने लग जाते हैं प्रदेश सरकार के कांग्रेसी नेता: जयराम ठाकुर

जयराम ठाकुर ने कहा कि आज प्रदेश में हालात ऐसे हैं जहां 500 करोड़ का नुकसान हुआ है वहां सिर्फ एक करोड़ देकर अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटने का कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि हर बात पर केंद्र को दोष देना उचित नहीं, प्रदेश सरकार को जनता के लिए काम करना चाहिए।

जयराम ठाकुर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में अवैध कटान को लेकर जो संज्ञान लिया है प्रदेश सरकार उस पर अपना जबाव दायर करे और यदि प्रदेश में इस अवैध कटान को लेकर कोई दोषी है तो फिर उसके खिलाफ कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि इस बार की आपदा में जंगल के जंगल बहकर आ गए हैं और ऐसे में यह जरूरी है कि प्रदेश सरकार इस बात को लेकर जांच करवाए कि आखिर यह आपदा कहां से आ रही है, ताकि हिमाचल प्रदेश को तबाही से बचाया जा सके।

जयराम ठाकुर ने कहा कि चंबा जिला की मणीमहेश यात्रा के दौरान जो त्रासदी हुई है उसमें प्रदेश सरकार का गैरजिम्मेदाराना रवैया सामने आया है। लोगों को भेजने से लेकर उन्हें सुरक्षित वापिस लाने तक सरकार की कोई योजना नहीं थी। लोग 100 किमी का सफर पैदल तय करके चंबा पहुंचे और अभी भी बहुत से लोग वहां पर फंसे हुए हैं। आपदा बड़ी जरूर है लेकिन सरकार उसमें अपनी भूमिका निभाने में पूरी तरह से विफल साबित हुई है।

सराज विधानसभा क्षेत्र के तहत तांदी पंचायत के लाछ और लठली में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आपदा प्रभावितों से मिलकर हालत पर चर्चा की और जमीन बैठ जाने से खाली किये 35 मकानों के प्रभवितों मिले और राहत राशि बांटी। यहां 8 मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव में बारिश और भूस्खलन ने ग्रामीणों का जीना दुश्वार कर दिया है। गांव की जमीन अब तक 12 से 15 फीट तक धंस चुकी है और हालात लगातार बिगड़ रहे हैं। स्थिति यह है कि जमीन हर रोज 1 से 2 फीट तक धंस रही है, जिससे कई घर जमींदोज हो गए हैं और कुछ रहने के काबिल नहीं रहे हैं। इस कारण अब लोगों के पास सुरक्षित छत तक नहीं बची।

नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी के साथ इस प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। जयराम ठाकुर ने कहा कि तांदी गांव का बड़ा हिस्सा पंडोह डैम से सटा होने के कारण खतरे के दायरे में है। वहीं, कुकलाह गांव को जोड़ने वाली सड़क भी भूस्खलन की वजह से डैम की ओर धंस चुकी है, जिससे इलाके की संपर्क व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।