शुगसेब बौद्ध मठ की भिक्षुणियां, नेचुंग मठ के भिक्षु और तिब्बती संस्थाओं के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि लद्दाख प्रवास के दौरान दलाईलामा ने लेह और जांस्कर में प्रवचन दिए। इन प्रवचनों में 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उन्होंने 20 हजार से ज्यादा लोगों से व्यक्तिगत मुलाकात भी की।
दलाईलामा ने लद्दाख की जनता को पत्र लिखकर उनकी आत्मीयता और गर्मजोशी के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने लद्दाख की आर्थिक और शैक्षिक प्रगति की सराहना की। साथ ही लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल, लेह का विशेष आभार व्यक्त किया। काउंसिल ने तिब्बती शरणार्थियों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
दलाईलामा ने अपने संदेश में कहा कि लद्दाख के लोगों की आस्था और अध्यात्मिक जुड़ाव उन्हें प्रेरित करता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लद्दाख भविष्य में भी शांति, शिक्षा और विकास के पथ पर अग्रसर रहेगा।
पांच दिन दिल्ली प्रवास पर भी रहे दलाई लामा
लद्दाख दौरा पूरा करने के बाद धर्मगुरु दलाई लामा ने पांच दिन दिल्ली में गुजारे। खराब मौसम और उनके हेल्थ चेकअप के चलते वह पांच दिनों तक दिल्ली में ही रहे। हालांकि दलाई लामा ने पहले बीते दिन यानी सोमवार को धर्मशाला पंहुचना था लेकिन खराब मौसम के चलते वह एक दिन देरी से आज धर्मशाला पंहुचे।