समारोह में केंद्रीय विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. प्रदीप कुमार तथा जैविक विज्ञान स्कूल के डीन और जंतु विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनील ठाकुर ने कपूर और बहेड़ा के पौधे लगाए। पौधरोपण अभियान में कुलसचिव डॉ. नरेंद्र कुमार संख्यान ने भी हरड़ का पौधा लगाया।
इस मौके पर कुलपति प्रो. बंसल ने कहा कि इस वनस्पति उद्यान में हिमाचल प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न प्रकार के सुगंधित एवं औषधीय पौधों का रोपण किया गया है। ये पौधे आयुर्वेद में वर्णित हैं तथा मानव शरीर की विभिन्न बीमारियों के उपचार और आरोग्य में अद्वितीय औषधीय गुणों से परिपूर्ण हैं। अटल वनस्पति उद्यान की स्थापना अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए एक जीवंत प्रयोगशाला के रूप में कार्य करेगा, जहां उन्हें विभिन्न पादप प्रजातियों तथा उनकी औषधीय विशेषताओं का अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।
वहीं डॉ. सचिन उपमन्यु ने बताया कि यह बॉटैनिकल गार्डन विद्यार्थियों को पारंपरिक ज्ञान तथा पौधों के सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराएगा और उन्हें जैव विविधता संरक्षण के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करेगा। भविष्य में और अधिक प्रजातियों को शामिल करने की योजना के साथ, यह उद्यान पर्यावरणीय शिक्षा और सतत विकास में अपनी भूमिका का निरंतर विस्तार करता रहेगा तथा विद्यार्थियों को प्रकृति और उसकी अमूल्य संपदाओं से जुड़े रहने के लिए प्रेरित करेगा।