उन्होंने कहा कि कभी खाने में कीड़ा निकालने की बात कह कर तो कभी मिठाई खट्टी होने की बात कह कर टारगेट किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि बहुत कुछ खुलकर तो नहीं बोल सकते, लेकिन धनबाद में फूड का बिजनेस करना अब उतना सरल नहीं रहा, चौतरफा दबाव पड़ता है। मधुलिका स्वीट्स धनबाद का एक ब्रांड नेम था। 40 वर्षों से अधिक समय से मधुलिका स्वीट्स चल रहा था। जयप्रकाश चौरसिया ने बताया कि अपने सभी कर्मचारियों को पेमेंट देकर उन्होंने छुट्टी कर दी है। धनबाद में मधुलिका ने बैंक मोड़, सरायढेला, हीरापुर, मेमको मोड़ और हाउसिंग कॉलोनी के आउटलेट्स बंद किए हैं।
उन्होंने बताया कि सभी आउटलेट्स की प्रॉपर्टी हमारी अपनी है। कुछ नया बिजनेस करेंगे, लेकिन अब फूड का बिजनेस नहीं करेंगे। फुटपाथ पर फूड का बिजनेस आ गया है। इनके लिए कोई नियम कानून नहीं है। सारा जोर हमलोग पर चलता है।