प्रधानाचार्या ने बताया कि इस प्रकार की शिक्षा न केवल छात्रों को कृषि के क्षेत्र में कौशल प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में भी मदद करेगी। जैविक खाद और ऑर्गनिक खेत के उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों का उपयोग कम होता है।
उन्हाेंने आगे बताया कि ऑर्गनिक खेती से उत्पादित खाद्य पदार्थ स्वास्थ्यवर्धक होते हैं और विभिन्न बीमारियों के खतरे को कम करते हैं। जैविक खाद और ऑर्गनिक खेत के बारे में जानने से छात्र आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार की आय बढ़ाने में भी मदद कर सकते हैं।————-