कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि कबड्डी साहस, आत्मविश्वास और महिला सशक्तीकरण की सशक्त अभिव्यक्ति है। उन्होंने इस आयोजन को शक्ति की उपासना पर्व महिषासुर मर्दिनी पूजन से जोड़ते हुए इसे सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण बताया।
विश्वविद्यालय कुलसचिव नेहा शर्मा, खेल बोर्ड अध्यक्ष प्रो. अनिल दाधीच सहित कई प्राध्यापकों की उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा और बढ़ी। मुख्य अतिथि अग्रवाल ने छात्राओं को “वंडर गर्ल्स” कहकर प्रोत्साहित किया और उनकी तुलना चमत्कार से की। उन्होंने पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा की प्रेरणादायक कहानी साझा की तथा सफलता हेतु 80:20 सिद्धांत समझाते हुए कहा कि 20 प्रतिशत सपने और 80 प्रतिशत मेहनत ही सफलता का मूलमंत्र है। उन्होंने विश्वविद्यालय के विकास में सहयोग देने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।
विशिष्ट अतिथि जयश्री अग्रवाल ने अपने आनंदी फाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे महिला उन्नयन कार्यों की जानकारी दी। कुलगुरु ने सुभाष अग्रवाल को “गिवर भावना” का प्रतीक बताते हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया और सभी खिलाड़ियों को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
महिला वर्ग में क्वार्टर फाइनल मुकाबले एमडीएस विश्वविद्यालय कॉलेज भीलवाड़ा, एसपीसी अजमेर, डीएवी कॉलेज अजमेर, एसएमजी कॉलेज मेडता, आर.के. पाटनी किशनगढ़, एडीएस विश्वविद्यालय अजमेर, डीएबी गर्ल्स कॉलेज ब्यावर और श्री मेहता कॉलेज भीलवाड़ा के बीच खेले गए। पुरुष वर्ग में सम्राट पृथ्वीराज चौहान महाविद्यालय, अजमेर विजेता तथा दयानंद महाविद्यालय उपविजेता रहे।