नंदाराम एक मजदूर था और उसने हत्या से एक दिन पहले ही अपनी जान को खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। रात बीतने से पहले ही उसकी हत्या कर दी गई। घटना की जानकारी मिलते ही पुष्कर थाना प्रभारी विक्रम सिंह पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे। शव को कब्जे में लेकर राजकीय अस्पताल, पुष्कर भेजा गया। एफएसएल टीम ने भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाने का कार्य शुरू किया।
सीआई विक्रम सिंह ने बताया कि मृतक के शरीर पर धारदार हथियार के निशान पाए गए हैं, जिससे प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत होता है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि नंदाराम का अपने ही परिवार के सदस्यों से विवाद चल रहा था। ग्रामीणों के अनुसार नंदाराम का लंबे समय से अपनी पत्नी और बच्चों से विवाद था। उसकी पत्नी और बच्चे पुष्कर में रहते हैं, जबकि वह स्वयं डूंगरिया कला में अकेला रहता था। तनाव के चलते वह अक्सर गांव में अलग-थलग रहता था।
मृतक के पिता मंगाराम मेघवाल ने बताया कि नंदाराम ने उन्हें अपने साथ अनहोनी की आशंका जताई थी। उन्होंने बेटे को अपने साथ बासनी चलने की सलाह दी थी, लेकिन नंदाराम ने यह कहकर मना कर दिया कि पुलिस जांच के लिए घर आ सकती है, इसलिए घर पर रहना जरूरी है। अगले ही दिन उसका शव घर से कुछ ही दूरी पर खेत के पास मिला। स्थानीय जनप्रतिनिधि और जिला परिषद सदस्य महेंद्र सिंह मझेवला ने बताया कि मृतक और उसके परिवार के बीच पिछले कई वर्षों से विवाद चल रहा था और दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई बार शिकायतें दर्ज कराई थीं। पुष्कर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एफएसएल और पुलिस टीम घटना के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।