15 नवम्बर 1998 को महाराष्ट्र के अमलनेर, जलगांव में जन्मी भावना छाजेड़ ने चार्टड एकान्टेन्ट की परीक्षा उत्तीर्ण कर सीए की डिग्री प्राप्त की। पिछले साल भर से दीक्षार्थी ने साधु सन्तों के सान्निध्य के अलावा श्री साधुमार्गी जैन संघ द्वारा वैरागियों के लिए संचालित आध्यात्मिक शिविर आरोग्गबोहिलाभं के माध्यम से भी शिक्षा प्राप्त की।
अपने वैराग्यकाल के दौरान दीक्षार्थी ने लगभग 300 किलोमीटर की पद यात्रा की। धार्मिक अध्ययन मे पुच्छीसुणम, श्रीमद दशवैकालिक सूत्र और श्रीमद उत्तराध्ययन सूत्र के कुछ अध्ययन, गति-आगति, जैन सिद्धान्त बत्तीसी श्री भगवती सूत्र के कुछ थोकड़े आदि का अध्ययन किया। मुमुक्षु की संघ से यह अपेक्षा है कि दीक्षा के पश्चात उनके साधु जीवन के नाम का शुरूआती अक्षर राम हो। उनके दादा-दादी स्वर्गीय संथारा साधक मोहनलाल छाजेड़ एवं स्वर्गीय जेठी देवी एवं परदादा स्वर्गीय किशनलाल छाजेड़ ने भी संथारापूर्वक मृत्यु का वरण किया।
आगामी दो नवम्बर को अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ द्वारा देशनोक में आयोजित अभिनन्दन समारोह में सभी 15 दीक्षार्थीगणों को सम्मानित किया जाएगा एवं तीन नवम्बर को देशनोक में ही मुमुक्षु भावना छाजेड़ के अलावा 14 अन्य मुमुक्षु, जोधपुर, केतुकलां के जाये जन्में मुमुक्षु विवेक गुलेच्छा, दिलीप कोटिडय़ा, प्रवीण दक, पुलकित सुखाणी, प्रीति दक, मेघा दोसी, सोनल भलघट,जया सुराणा, अपेक्षा सुराणा, ज्योति बोथरा, तरूणा दुग्गड़, रिया सुराणा, अनुष्का भूरा, ताश्वी दक आदि दीक्षित होने जा रहे दीक्षार्थीयों के साथ महाभीनिष्क्रमण यात्रा निकाली जाएगी, तत्त्पश्चात सभी 15 मुमुक्षुओं को राष्ट्रीय सन्त आचार्य रामेश के सान्निध्य में करेमि भन्ते के पाठ से जैन भागवती दीक्षा प्रदान की जाएगी।