मोरपाल सुमन वर्तमान में बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं और माली समाज से ताल्लुक रखते हैं। दिसंबर 2021 के पंचायत राज चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी। उनकी पत्नी नटी बाई भी सरपंच के पद पर कार्यरत हैं।
पार्टी ने स्थानीय स्तर पर उनकी पहचान, जनसेवक छवि और जातिगत समीकरणों को देखते हुए उन्हें उम्मीदवार बनाया है। सुमन को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का करीबी माना जाता है। अंता क्षेत्र में माली और सैनी समाज की आबादी प्रभावशाली है, जिसे ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने यह फैसला लिया।
कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी ओर, नरेश मीणा ने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर निर्दलीय के रूप में ताल ठोकी है, जिससे मुकाबला और दिलचस्प हो गया है। अंता विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,27,563 वोटर हैं। इनमें 1,15,982 पुरुष, 1,10,241 महिलाएं और चार अन्य वोटर शामिल हैं। हाल ही में मतदाता सूची में 1,336 नए वोटर जोड़े गए हैं।
ठगी का शिकार होते-होते बचे मोरपाल सुमन टिकट घोषित होने से पहले मोरपाल सुमन एक ठगी का शिकार होते-होते बच गए। चार दिन पहले उन्हें एक फोन कॉल आया जिसमें कॉलर ने खुद को दिल्ली बीजेपी मुख्यालय का पदाधिकारी बताया और कहा कि उन्हें टिकट मिल गया है। कॉलर ने 38,000 रुपये नामांकन प्रक्रिया के नाम पर मांगे।
सुमन ने अपने बेटे की मदद से राशि ट्रांसफर कर दी, लेकिन बाद में बारां बीजेपी जिला अध्यक्ष नरेश सिंह सिकरवार से संपर्क करने पर ठगी का खुलासा हुआ। साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज होने के बाद बैंक ने राशि को होल्ड कर दिया।