डॉ. गुप्ता ने बताया कि, सभी मरीजों में फर्स्ट डिग्री बर्न (सतही जलन) था। उन्हें अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद संतोषजनक स्थिति में छुट्टी दे दी गई। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामले पटाखे जलाने के दौरान सावधानी नहीं बरतने से हुए।
अस्पताल अधीक्षक ने लोगों से अपील की है कि, खुशियों के त्योहार में सुरक्षा को प्राथमिकता दें। उनके अनुसार पटाखे जलाते समय बच्चों को बड़ों की निगरानी में रखें, ढीले कपड़े न पहनें और पास में पानी या रेत की व्यवस्था जरूर रखें।
उल्लेखनीय है कि, त्योहारों का असली आनंद तभी है जब खुशियां सुरक्षित रहें। पटाखों की चमक थोड़ी देर की होती है, लेकिन लापरवाही की जलन लंबे समय तक दर्द दे सकती है। इसलिए इस उत्सव के मौसम में सजग रहें, सुरक्षित रहें ताकि दीपावली की रोशनी और छठ की भक्ति दोनों जीवन में उजाला भरें, न कि अंधेरा लाएं।