ऑनरेरी कैप्टन शादी राम ठाकुर भारतीय सेना के उन चुनिंदा सैनिकों में से थे जिन्होंने देश की तीन प्रमुख लड़ाइयों, 1961 का ऑपरेशन विजय (गोवा मुक्ति अभियान), 1965 का भारत-पाक युद्ध और 1971 का भारत-पाक युद्ध में सक्रिय रूप से भाग लिया।देश सेवा में उनके असाधारण योगदान के लिए उन्हें भारत के राष्ट्रपति डॉ. के. आर. नारायणन, डॉ. शंकर दयाल शर्मा, और सेना प्रमुख द्वारा सम्मानित किया गया था। उन्हें उनकी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा के लिए विशेष सेवा पदक से भी नवाजा गया।
सेना से सेवानिवृत्ति के बाद ऑनरेरी कैप्टन शादी राम ठाकुर अपने गांव लौटे और विकास कार्यों में जुट गए। उन्होंने गांव में सड़क निर्माण, बिजली सुविधाओं का विस्तार, सिंचाई के लिए खूल और टैंक निर्माण तथा वर्षा शालिका (कम्युनिटी हॉल) जैसी योजनाओं को साकार किया। उनका उद्देश्य हमेशा गांव के हर व्यक्ति तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाना रहा। शनिवार को धारटीधार में हुए अंतिम संस्कार के दौरान पूरा क्षेत्र गमगीन रहा। इस अवसर पर पूर्व सैनिक संगठन सिरमौर इकाई सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। सभी ने ऑनरेरी कैप्टन शादी राम ठाकुर के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे सच्चे अर्थों में अनुशासन, देशभक्ति और सेवा भावना की प्रतिमूर्ति थे।