ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने के भरसक प्रयास किए और स्थानीय लोगों की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। इस बीच अग्निशमन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और आग को फैलने से रोका। राहत की बात यह रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, लेकिन मंदिर की पूरी इमारत और इसमें रखी धार्मिक वस्तुएं जलकर नष्ट हो गईं।
मिली जानकारी के अनुसार यह मंदिर करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था और पूरी तरह लकड़ी की कलाकृतियों से सुसज्जित था। इसका प्रतिष्ठा समारोह अगले वर्ष अप्रैल में होना प्रस्तावित था। ग्रामीणों के अनुसार, आग इतनी तेज थी कि कुछ ही मिनटों में पूरा मंदिर लपटों में समा गया।
ग्राम पंचायत शिमगा के प्रधान राज कुमार ने बताया कि मंदिर स्थानीय लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र था और इसके जल जाने से पूरे क्षेत्र में गहरी निराशा है। उन्होंने कहा कि आग लगने के कारणों का अभी तक कोई स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। वहीं, डीएसपी रामपुर नरेश शर्मा ने बताया कि पुलिस ने घटनास्थल का निरीक्षण किया है और आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है।