कन्या पूजन के साथ हुआ नवरात्र साधना का परायण

नवमी तिथि पर तीर्थनगरी के सभी देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। नवमीं पर मंदिरों में विशेष सजावट व मां का श्रृंगार किया गया। मंदिरों में मां के दर्शनों के लिए सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ लगी रही।

नवमी पर मंदिरों व तीर्थनगरी के आश्रम-अखाड़ों में हवन-पूजन किया गया। तत्पश्चात पूर्णाहुति की गयी तथा कन्याओं को भोजन करवाकर उनका आशीर्वाद लिया गया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहाकि कन्याओं को साक्षात मां भगवती का स्वरूप माना जाता है। एक वर्ष से नौ वर्ष तक की कन्याओं के पूजन का ही विधान है। कन्या पूजन से मां भगवती प्रसन्न होती है। नारी शक्ति का हमें सम्मान करना चाहिए।

इस अवसर पर उन्होंने 108 कन्याओं का पूजन किया और भोजन करवाकर उन्हें दक्षिणा दी और आशीर्वाद लेकर विश्व कल्याण की कामना की।