हरिद्वार, 17 अक्टूबर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि मीडिया को सशक्त भूमिका निभाना चाहिए। अपने देश व धर्म की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करते रहना चाहिए। राष्ट्र निर्माण में मीडिया की विशेष भूमिका है। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के समय में भी हमारे नायकों ने मीडिया के कई माध्यमों का उपयोग किया और जन जागरण में मीडिया की उपयोगिता सिद्ध की थी।
सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले यहां स्थानीय देव संस्कृति विश्वविद्यालय में शुक्रवार को राष्ट्र निर्माण में आयाेजित मीडिया की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन काे संबाेधित कर रहे थे। इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, देसंविवि के कुलपति शरद पारधी, प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या, पूर्व सांसद तरुण विजय ने संयुक्त रूप से सामूहिक दीप प्रज्ज्वलन कर इस सम्मेलन का स्वागत किया। दिनभर चले इस सम्मेलन में कुल पांच सत्र हुए, जिनमें वक्ताओं ने मीडिया को भारत को विकसित बनाने में योगदान देने के लिए आह्वान किया।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि दत्तात्रेय होसबोले ने पत्रकारों का आवाहन करते हुए कहा कि सभी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी के साथ निभानी चाहिए। समाज के सशक्तिकरण व नारी जागरण जैसे विषयों पर अपनी योग्यता का पूरा-पूरा उपयोग करते रहना चाहिए। देश व धर्म की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करते रहना चाहिए। राष्ट्र निर्माण में मीडिया की विशेष भूमिका है। उन्होंने कहा कि स्वाधीनता के समय में भी हमारे नायकों ने मीडिया के कई माध्यमों का उपयोग किया और जन जागरण में मीडिया की उपयोगिता सिद्ध की थी।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि पत्रकारों को संवेदनशील होना चाहिए और वे ऐसे खबरों का ही विस्तार करें, जो समाज व राष्ट्र का विकास में सहायक हो। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से असुरता, अनीति, और भ्रष्टाचार ने अपना पैर पसारा है, उसे अब जड से मिटाने का समय आ गया है। प्राच्यम स्टूडियोज के सीईओ प्रवीण चतुर्वेदी, मुख्य संपादक सुरेश चव्हाण, पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहूरकर, पूर्व सांसद तरुण विजय आदि ने भी मीडिया की भूमिका पर अपने विचार साझा किये।
सम्मेलन के अलग-अलग सत्रों में दिल्ली, बिहार, झारखण्ड, उप्र, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, मप्र सहित अनेक राज्यों से आए ’मीडिया जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तियों, लेखकों, फिल्मकार, पत्रकारों ने मीडिया की भूमिका पर गहन विचार-विमर्श किया। विशेषज्ञों ने इस बात पर बल दिया कि आज के समय में मीडिया केवल सूचना का स्रोत नहीं, बल्कि राष्ट्र को दिशा देने वाला एक सशक्त माध्यम बन चुका है।देव संस्कृति विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने भी आधुनिक समय में स्पिरिचुअल पत्रकारिता की आवश्यकता पर विशेष चर्चा की।
उद्घाटन सत्र के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अनिल गलगली (मुम्बई) और अमित नारायण काे डॉ चिन्मय पण्ड्या, होसबोले एवं अन्य अतिथियों ने सम्मानित कर समाज में उनके उत्कृष्ट योगदान को महत्वपूर्ण बताया। इस दौरान अखण्ड ज्योति की आध्यात्मिक यात्रा पर डॉक्यूमेंट्री, संस्कृति संचार, रिनासा के नये अंक व कई पुस्तकों का विमोचन किया गया।