वाराणसी,05 अक्टूबर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के काशी विभाग के विभाग संघचालक त्रिलोक ने रविवार को कहा कि वर्ष 1930 में सरसंचालक के दायित्व पर रहते हुए भी डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जंगल सत्याग्रह में एक वर्ष के लिए जेल गए थे । जो लोग संघ पर यह आरोप लगाते हैं कि संघ का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान नहीं है उन्हें यह बात भली प्रकार से जाननी चाहिए ।
विभाग संघ चालक संघ के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में काशी दक्षिण भाग के माधव नगर स्थित सुंदरपुर बस्ती में आयोजित विजयादशमी उत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने संघ की स्थापना की चर्चा करते हुए बताया कि जिस प्रकार से नवजात शिशु का जन्म होता है, उसका नामकरण बाद में होता है एवं उसमें संस्कार भी धीरे-धीरे आते हैं। उसी प्रकार संघ के जन्म की 6 महीने बाद उसका नामकरण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हुआ एवं बाद में प्रार्थना , आचार विभाग गणवेश इत्यादि अंग धीरे-धीरे संघ में जुड़ते चले गए। उन्होंने कहा कि भारत की परतंत्रता का एकमात्र कारण था हिंदुओं में एकता का अभाव । डॉक्टर साहब ने इसी एकता के मंत्र को ध्यान में रखकर संघ की स्थापना की। इसी क्रम में काशी दक्षिण भाग के रामनगर भीटी पूर्वी बस्ती में डॉ शिव शंकर , रतन बाग बस्ती में कृष्णकांत, शूलटंकेश्वर नगर के माधोपुर बस्ती में सुजीत , रविदास नगर के डाफी बस्ती में विनोद राय ,मानस नगर के शंकुलधारा बस्ती में सहसंचालक चंद्रकांत पाल , माधव नगर के सरायनंदन बस्ती में अजय केसरी तथा शिव धाम नगर के जगतपुर बस्ती में डॉक्टर कमलेश तिवारी ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया। वक्ताओं ने स्वयंसेवकों के मध्य संघ के इतिहास, उसके पांच परिवर्तन एवं आगामी शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों को विस्तार से समझाया। इसके बाद काशी दक्षिण भाग के विभिन्न बस्तियों में स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में दंड के साथ घोष की धुन पर पथ संचलन किया।