उपखण्ड अधिकारी सक्षम गोयल ने बताया कि पारंपरिक रूप से पूजनीय औरण स्थलों के संरक्षण एवं सीमांकन के लिए राजस्व रिकॉर्ड के अनुरूप स्थल निरीक्षण कर प्रस्ताव भिजवाए गए हैं। यह कार्रवाई ओरण, देववन एवं पर्यावरणीय संरचनाओं के पुनर्जीवन की दिशा में जिला प्रशासन का ठोस कदम है।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान वीर शिरोमणी आलाजी झुझार ओरण, पटवार मण्डल पूनमनगर राजस्व ग्राम दिलावर का गांव, वीर शिरोमणी आलाजी झुझार ओरण राजस्व ग्राम कुछड़ी एवं मां स्वांगिया राय ओरण, ग्राम पूनमनगर की लगभग 11 हजार बीघा भूमि को ओरण प्रयोजनार्थ प्रस्तावित किया गया है।
इन स्थलों का उपखण्ड अधिकारी सक्षम गोयल द्वारा मौके पर निरीक्षण कर सीमांकन एवं राजस्व अभिलेखों में दर्ज करने के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करवाया गया है। यह पहल न केवल धार्मिक आस्था से जुड़े पवित्र स्थलों की सुरक्षा करेगी, बल्कि स्थानीय पारिस्थितिक संतुलन, जैव विविधता एवं जल संरक्षण को भी सशक्त बनाएगी।
जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि ओरण, देववन, गोचर, आगोर, तालाब, नाडी एवं पारंपरिक जल स्त्रोतों की भूमि पर किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा एवं इस दिशा में सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।