जोरावर का ट्रैप कांस्य बना एथेंस विश्व चैम्पियनशिप का आकर्षण

मालाकासा शूटिंग रेंज में कठिन मौसम परिस्थितियों के बावजूद जोरावर ने अपने अनुभव और धैर्य का परिचय देते हुए फाइनल में 31 के स्कोर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। उन्होंने क्वालिफिकेशन राउंड में 125 में से 122 हिट्स लगाकर फाइनल में प्रवेश किया था। इस इवेंट में वह फाइनल तक पहुंचने वाले एकमात्र भारतीय निशानेबाज रहे।

अन्य भारतीय पुरुष शूटरों में भवनीश मेदीरत्ता 114 हिट्स के साथ 75वें, जबकि विवान कपूर 116 हिट्स के साथ 50वें स्थान पर रहे। वहीं महिला ट्रैप स्पर्धा में आशिमा अहलावत और नीरू ढांडा ने 109 हिट्स के साथ क्रमशः 40वें और 43वें स्थान, जबकि किरण गुप्ता ने 101 स्कोर के साथ 62वां स्थान प्राप्त किया।

प्रतियोगिता के अंतिम दिन भारत को ट्रैप मिक्स्ड टीम इवेंट में पदक मुकाबले तक पहुंचने में सफलता नहीं मिली। एशियाई चैंपियन नीरू ढांडा और भवनीश मेदीरत्ता की जोड़ी ने 137 हिट्स के साथ 25वां, जबकि जोरावर और आशिमा अहलावत की जोड़ी ने समान स्कोर के साथ 28वां स्थान हासिल किया।

स्कीट इवेंट्स में भारतीय पुरुष टीम को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। भवतेघ सिंह गिल, जो शुरुआती राउंड्स में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, अंतिम राउंड में चूक गए और 35वें स्थान पर रहे। अनुभवी मैराज अहमद खान ने 117 स्कोर के साथ 53वां, जबकि अनंतजीत सिंह नरुका ने 115 स्कोर के साथ 83वां स्थान पाया।

महिला स्कीट में रायजा ढिल्लों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 116 के स्कोर के साथ 16वां स्थान हासिल किया। वह फाइनल क्वालिफिकेशन मार्क से मात्र तीन अंक पीछे रहीं। गनेमत सेखों और परीनाज धालीवाल दोनों ने 110 हिट्स दर्ज कीं, जिनमें परीनाज 44वें और गनेमत 47वें स्थान पर रहीं।

कुल 15 देशों ने इस विश्व चैम्पियनशिप में पदक जीते, जिनमें भारत नौवें स्थान पर रहा, यह स्थान उसने सात अन्य देशों के साथ साझा किया।

जोरावर का यह पदक न केवल भारतीय शूटिंग दल के लिए राहत लेकर आया, बल्कि यह साबित करता है कि अनुभव और निरंतरता के बल पर भारतीय निशानेबाज अब भी विश्व स्तर पर चुनौती देने की क्षमता रखते हैं।