31 वर्षीय चेप्नगेटिच, जो पूर्व विश्व मैराथन चैंपियन और शिकागो मैराथन की तीन बार की विजेता रह चुकी हैं, के सैंपल में मार्च में प्रतिबंधित मूत्रवर्धक दवा हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड (एचसीडीजेड) पाई गई। जांच में उनके सैंपल में 3,800 एनजी/एमएल की मात्रा दर्ज की गई, जो विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की न्यूनतम सीमा 20 एनजी/एमएल से कई गुना अधिक थी।
चेप्नगेटिच को जुलाई में अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था। शुरू में उन्होंने डोपिंग के आरोपों से इनकार किया और जांच एजेंसी को कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दिया। बाद में, निलंबन के दो सप्ताह बाद उन्होंने दावा किया कि उन्होंने गलती से अपनी नौकरानी की दवा खा ली थी, जिसमें एचसीजीजेड मौजूद था।
एआईयू ने उनकी सफाई को “लापरवाहीपूर्ण” और “अप्रत्यक्ष रूप से जानबूझकर की गई गलती” बताया। पहले एजेंसी ने चार साल का प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था, लेकिन जल्द स्वीकारोक्ति के चलते इसे घटाकर तीन साल कर दिया गया।
हालांकि, एआईयू ने स्पष्ट किया कि चेप्नगेटिच का वर्ल्ड रिकॉर्ड टाइम 2:09:56, जो उन्होंने अक्टूबर 2024 में शिकागो मैराथन में बनाया था, वैध रहेगा, क्योंकि वह उपलब्धि 14 मार्च 2025 की पॉजिटिव टेस्ट रिपोर्ट से पहले दर्ज की गई थी।
एआईयू के प्रमुख ब्रेट क्लोथियर ने कहा कि “हालांकि एचसीटीजेड मामले का निपटारा हो गया है, लेकिन चेप्नगेटिच के फोन से मिले संदिग्ध डेटा की जांच जारी रहेगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं अन्य नियम उल्लंघन तो नहीं हुआ।”