भाकियू के जिला प्रधान सूरजभान रावल ने बताया कि पिछले आठ दिनों से पीआर धान की सरकारी खरीद ठप पड़ी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियों और आढ़तियों की मिलीभगत से किसानों की धान में जबरन मॉश्चर दिखाकर मात्र 1900 से 2100 रुपए प्रति क्विंटल खरीद की जा रही है जबकि सरकारी समर्थन मूल्य 2369 व 2389 रुपए तय है।
इससे किसानों को प्रति क्विंटल करीब 469 से लेकर 289 रुपए तक की हानि हो रही है। रावल ने सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दर दर की ठोकर खानी पड़ रही हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही पीआर धान की खरीद सही समर्थन मूल्य के अनुरूप नहीं की गई तो भारतीय किसान यूनियन बड़ा आंदोलन करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह तो चेतावनी है, बुधवार को करीब 100 ढेरी राख होगी।
हैफेड के मैनेजर आजाद सिंह ने बताया कि किसान यूनियन ने हैफेड कार्यालय को ताला लगा दिया और धान की ढेरी में आग लगा दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि एजेंसियां आते ही धान की खरीद शुरू हो जाएगी। सूचना मिलने पर मार्केट कमेटी के कर्मचारियों ने आग बुझाई। इस दौरान चौकी इंचार्ज अनिल भी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और भाकियू के प्रदर्शनकारियों को समझाया। प्रदर्शन करने वालों में भाकियू के जिला प्रधान सूरजभान रावल, प्रदेश महासचिव हरेंद्र राणा, सुखबीर आट्टा, ब्लॉक प्रधान आजाद सिंह काला, राजबीर मलिक सहित कई किसान नेता मौजूद थे।