जानकारी के अनुसार शनिवार रात को कार्यक्रम की शुरुवात हुई। यहां ऑडिटोरियम की अधिकांश सीटें खाली रहीं, जिससे आयोजन की भव्यता पर प्रश्नचिह्न लग गया। आमजन की भागीदारी बेहद कम रही और कार्यक्रम में ज्यादातर भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ता ही नजर आए। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में आयोजको ने कवि विष्णु सक्सेना, बुद्धि प्रकाश दाधीच, गोविंद राठी, मुन्ना बैटरी, शंकर सुखवाल, राहुल शर्मा और पवन आगरी को आमंत्रित किया था। बावजूद इसके, आयोजन जनता को खींचने में असफल रहा और शुरुआत निराशाजनक रही। ऋअब सबकी निगाहें रविवार के कार्यक्रमों पर टिकी हैं, जब केंद्र सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत की मौजूदगी में श्रीराम भारतीय कला केंद्र, नई दिल्ली और मेवाड़ यूनिवर्सिटी गंगरार की ओर से मीरा नृत्य नाटिका की प्रस्तुतियां होगी।
नहीं जुड़ी जनता भाजपा महोत्सव हुआ साबित
मीरा स्मृति संस्थान के गत दिनों चुनाव हुए थे तथा अनिल सिसोदिया को संस्थान का नया अध्यक्ष चुना गया जो भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष भी हैं। वहीं महोत्सव में जिस तरह से अतिथियों को निमंत्रण दिया वह भी सभी भाजपा से जुड़े हुए हैं। स्थानीय स्तर पर भी विभिन्न संगठनों एवं जनता को इससे जोड़ा नहीं गया। ऐसे में यह मीरा महोत्सव कम और भाजपा महोत्सव ज्यादा दिखाई दिया। भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता व पदाधिकारी ही कवि सम्मेलन में मौजूद रहे।