बैठक में प्रमुख सचिव ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि छात्रवृत्ति वितरण कार्य को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि कोई भी पात्र छात्र छात्रवृत्ति से वंचित न रहे। सभी विद्यालयों और महाविद्यालयों के प्राचार्य यह सुनिश्चित करें कि पात्र छात्र-छात्राएं 31 अक्टूबर 2025 तक अपने ऑनलाइन आवेदन (फॉर्म) अवश्य जमा कर दें।
प्रमुख सचिव ने कहा कि जिन छात्रों के आवेदन सही पाए जाएंगे, उनके खातों में 28 नवंबर 2025 को छात्रवृत्ति की धनराशि सीधे ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होंने सभी संस्थानों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी विद्यालय या कॉलेज में डेटा फीडिंग या वेरिफिकेशन में लापरवाही पाई गई तो संबंधित संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने जनपद गोरखपुर में छात्रवृत्ति वितरण से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा की। रिपोर्ट के अनुसार, गोरखपुर जनपद में माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध 514 विद्यालयों में से 385 विद्यालयों ने अब तक छात्रवृत्ति का डेटा भर दिया है। इन विद्यालयों के माध्यम से अब तक लगभग 29,000 छात्र-छात्राओं ने ऑनलाइन आवेदन किया है, जिनमें से एक बड़े हिस्से का वेरिफिकेशन कार्य पूर्ण हो चुका है।
उन्होंने निर्देश दिया कि शेष विद्यालय भी शीघ्रता से डेटा अपलोड करने की प्रक्रिया पूरी करें ताकि कोई भी पात्र छात्र आवेदन की अंतिम तिथि से पहले वंचित न रह जाए।
प्रमुख सचिव ने बताया कि मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखनाथ विश्वविद्यालय और आयुष विश्वविद्यालय सहित इनके अधीनस्थ 159 कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को भी छात्रवृत्ति योजना का लाभ दिया जाएगा। जो छात्र समय से ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं, उन्हें नियमानुसार राशि उनके बैंक खातों में भेज दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के शिक्षा अधिकारों के प्रति संवेदनशील है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर पात्र छात्र को शिक्षा जारी रखने के लिए आर्थिक सहयोग मिले।