हिसार, 14 अक्टूबर । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं
मानविकी महाविद्यालय में हिंदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे जबकि हरियाणा
साहित्य एवं संस्कृति अकादमी पंचकूला के कार्यकारी उपाध्यक्ष डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री
मुख्य वक्ता रहे।
कुलपति प्रो कम्बोज ने मंगलवार काे अपने संबोधन में कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि
हमारी राष्ट्रीय पहचान है। यह हमारे विचारों, भावनाओं और संस्कृति की अभिव्यक्ति का
सबसे सशक्त माध्यम है। हिंदी देश के कोने-कोने में समझी और बोली जाती है। यह हमें एकता
और भाईचारे का संदेश देती है। हिंदी हमारी आत्मा की भाषा है हमें अपनी दैनिक जीवन में
हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए ताकि आने वाली पीढिय़ां भी इसे अपने और इसका
गौरव बनाए रखें। उन्होंने कहा कि आज विश्व के अनेक देशों में हिंदी बोलने और सीखने
वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
इंटरनेट, फिल्म, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र
में भी हिंदी का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। कुलपति ने बताया कि 14 सितंबर
1949 को संविधान सभा ने हिंदी भाषा को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था।
इस ऐतिहासिक निर्णय की स्मृति में पहली बार 1953 में हिंदी दिवस मनाया गया। हिंदी दिवस
मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में हिंदी के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाना है।
मुख्य वक्ता डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा कि हिन्दी का प्रचार एवं प्रसार
करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रत्येक प्रान्त की अपनी-अपनी
भाषाएं है। अपनी बात को सरल व सहज तरीके से प्रस्तुत करने का सबसे अच्छा माध्यम क्षेत्रीय
भाषा है। आधुनिक युग में अगर हम सभी को जरूरत है तो व्याकरणिक दृष्टि से अपनी भाषा
को सही तरीके से लिखने व बोलने की। इसलिए हमें आम बोलचाल में क्षेत्रीय भाषा को अधिक
से अधिक प्रयोग में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा पारम्परिक ज्ञान, प्राचीन
सभ्यता और आधुनिक प्रगति का हमें बोध करवाती है।
कार्यक्रम में मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. राजेश
गेरा ने सभी का स्वागत किया। मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश कुमार ने किया जबकि
मंच का संचालन छात्रा निकिता ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव सहित विभिन्न महाविद्यालयों
के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी, शिक्षकगण, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।