हिसार, 24 अक्टूबर । हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित की
गई उन्नत किस्मों के बीज देश एवं प्रदेश में अधिक से अधिक किसानों को उपलब्ध करवाने
के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ समझौते किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में विश्वविद्यालय
द्वारा अधिक उत्पादन देने वाली गेहूं की उन्नत किस्म डब्ल्यू एच 1402 का निजी क्षेत्र
की कंपनी श्री संत सीड्स एलएलपी, टोहाना के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए
हैं।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने शुक्रवार काे बताया कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा
लगातार उन्नत किस्मों के बीज विकसित किए जा रहे हैं ताकि किसानों के उत्पादन में बढ़ोतरी
की जा सके। वैज्ञानिकों द्वारा गेहूं की अगेती, पछेती और समय पर बिजाई करने के लिए
विभिन्न उन्नत किस्में विकसित की गई हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन
पर हस्ताक्षर किए गए। विश्वविद्यालय की ओर से अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने जबकि
कंपनी की ओर से श्री संत सीड्स एलएलपी, टोहाना के निदेशक मलकीत सिंह वह गुरमीत सिंह
ने हस्ताक्षर किए।
उपरोक्त किस्म की खासियत
अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग ने बताया कि गेहूं की नई किस्म डब्ल्यू एच
1402 की बिजाई का उचित समय अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर का पहला सप्ताह है। तथा
बीज की मात्रा 100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। इस किस्म को दो पानी जिसमें पहला पानी
बिजाई के 20-25 दिन बाद शिखर जड़ें निकलते समय व दूसरा पानी बिजाई के 80-85 दिन बाद
बालियां निकलते समय देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त किस्म की 100 दिन
में बालियां निकलती है तथा 147 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की बालियां
लंबी (14 सेंटीमीटर) व लाल रंग की है। इस किस्म की ऊंचाई 100 सेंटीमीटर है जिससे इसके
गिरने का खतरा न के बराबर है। इसकी किस्म का दाना मोटा है। इसमें 11.3 प्रतिशत प्रोटीन,
हेक्टोलीटर वेट (77.7 केजी/एचएल) लौह तत्व (37.6 पीपीएम), जिंक (37.8 पीपीएम) है। अत:
पौष्टिकता के हिसाब से यह किस्म अच्छी है।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. पवन कुमार, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके
पाहुजा, मानव संसाधन प्रबंधन निदेशक डॉ. रमेश कुमार, बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र मोर, गेहूं व कपास अनुभाग के अध्यक्ष डॉ. करमल सिंह,
डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. एमएस दलाल, आईपीआर सेल के प्रभारी डॉ. योगेश जिंदल, डॉ. रेणू
मुंजाल व डॉ. जितेन्द्र भाटिया उपस्थित रहे।