पाकिस्तान से आए ड्रग्स को कमीशन पर भारत में सप्लाई करने वाला इनामी ड्रग्स तस्कर गिरफ्तार

एटीएस पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) विकास कुमार ने बताया कि बाड़मेर के बीजावल के रहने वाले ड्रग्स तस्कर को गिरफ्तार किया गया है। किन्हीं कारणों से आरोपित का नाम गुप्त रखा गया है। वह राजस्थान की सीमा पर बैठकर ड्रग्स की तस्करी करता था। राजस्थान पुलिस की ओर से आरोपित ड्रग्स तस्कर पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित है। पढ़ाई में कमजोर होने के साथ ही पैसा कमाने की चाह में ड्रग्स तस्करी के खेल में उतरा। पिता की राह पर चलकर नशे के कारोबार में नाबालिग उम्र से ही वह नशे के कारोबार में उतर गया। पिता के जेल जाने के बाद कारोबार को देश की अलग-अलग सीमाओं पंजाब, जैसलमेर, बीकानेर तक फैलाया।

आईजी विकास कुमार ने बताया कि लम्बे समय से इनामी ड्रग्स तस्कर खुफिया एजेंसियों को गच्चा दे रहा था। लम्बे समय से पाकिस्तान से नशे के कारोबारियों को पकड़वाने के धोखे में सीमावर्ती क्षेत्र में खुफिया एजेंसियों को अपने जाल में फंसा रखा था। इसी आड़ में वह ड्रग्स तस्करी का धंधा बैखौफ होकर सीमापार बैठे तस्करों से करता था। ड्रग्स के खेल में वह नहीं तो माल खरीदता था, नहीं बेचने का झंझट रखता था। सीमा पार पाकिस्तान से आए हेरोइन का पैकेट रिसीव कर सुरक्षित अपने पास रखता था। पंजाब-दिल्ली के सरगनाओं के सम्पर्क करने पर उसके हवाले कर देता था। उसे हेरोइन के प्रति पैकेट पर एक लाख रुपये का कमीशन मिलता था।

गिरफ्तार आरोपित ड्रग्स तस्कर की एक बुआ की शादी करीब 30 साल पहले पाकिस्तान में हुई थी। उस बुआ के सम्पर्क के नाम पर आरोपित तस्कर का पिता तारबंदी होने से पहले पाकिस्तान से बेरोकटोक माल लाता था। तारबंदी होने के बाद धंधा मंदा पड़ा तो फोन से सम्पर्क करने लगा। तारबंदी पार पैकेट फेंके जाते और ऊंट की चराई के नाम पर आस-पास घूमकर आरोपित का पिता उठा लेता था। पाकिस्तान से आए ड्रग्स को पंजाब-दिल्ली के सरगनाओं से सम्पर्क कर सौंप देता। पिता के साथ ही आरोपित भी नाबालिग उम्र में ही ड्रग्स का धंधा शुरू कर दिया। पिता के जेल जाने के बाद ड्रग्स के साम्राज्य को बढ़ाने के साथ पैसा कमाने में जुट गया।

वहीं एएनटीएफ टीम ने दूसरी कार्रवाई कर उसके साथी जोगाराम उर्फ जोगेन्द्र निवासी बलदेव नगर बाड़मेर को अरेस्ट किया। वह पिछले 8 सालों से मध्य प्रदेश से बाड़मेर तक ड्रग्स सप्लाई का काम कर रहा था। वह पिछले दो साल से फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी पर 20 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ है। तस्करी के काम के लिए उसने अपने परिवार के साथ रिश्तेदारों को भी रोजगार करने के लिए ट्रक दिलवाए। पिछले दो महीने से जोगेंद्र चुपके से घरवालों से मिलकर फरार हो जाता था। अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी को घर से करीब 2 किलोमीटर दूर गुप्त ठिकाने पर छिपा देता था। एएनटीएफ टीम ने काफी मशक्कत के बाद फरार इनामी बदमाश जोगेन्द्र को धर-दबोचा।