– बौद्ध विहारों के सौंदर्यीकरण पर खर्च होंगे 356.96 लाख खर्च करेगा पर्यटन विभाग
कुशीनगर,04 जनवरी (हि.स.)। गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में स्थित विभिन्न देशों के बौद्ध विहारों में पर्यटन आधारित आधारभूत संसाधनों की स्थापना के लिए प्रदेश सरकार ने कदम बढ़ाए हैं। बौद्ध विहारों में लाइटिंग,सुंदरीकरण,प्रसाधन समेत अनेक सामुदायिक सुविधाओं का विकास किया जायेगा। इस योजना से रीवर फ्रंट साइट पर भी विकास कार्य कराए जायेंगे।
योजना के तहत म्यांमार बौद्ध विहार में स्थित छांता जी जेडी (समृद्धि चैत्य) पर फसाड लाइटिंग से जगमगाएगा। वहीं श्रीलंका बौद्ध विहार में कम्यूनिटी हाल और टॉयलेट ब्लाक बनाया जाएगा। योजना से अन्य बौद्ध विहारों में विकास कार्य कराए जायेंगे।
शासन ने इसके लिए 356.96 लाख की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति दी है।
कुशीनगर में इन दोनों बौद्ध विहारों सहित थाइलैंड का थाई वाट,तिब्बती बौद्ध विहार, कंबोडिया बौद्ध विहार, लिन्ह सन ताइवान बौद्ध विहार,भूटान बौद्ध विहार आदि स्थित हैं। बौद्ध विहारों में बड़ी संख्या में उन देशों के बौद्ध भिक्षु व पर्यटक ठहरते हैं। बौद्ध विहारों के प्रबंधक बिजली, पानी, मेंटीनेंस आदि के खर्च के लिए पर्यटकों से मिली दान की धनराशि पर निर्भर हैं। ऐसे में अन्य आधारभूत संसाधनों का विकास बाधित रहता है। छह माह पूर्व पर्यटन विभाग ने सर्वे कराकर बौद्ध विहारों की स्थिति जानी और प्रबंधकों से आवश्यकता के अनुरूप कार्य योजना में शामिल कर प्रस्ताव शासन को भेजा था। कुछ बौद्ध विहारों ने योजना से अपने को अलग रखा है।
रविंद्र कुमार क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी गोरखपुर ने बताया कि यह शासन की एक अभिनव योजना है। बौद्ध सर्किट के पर्यटन विकास में बौद्ध विहारों की अहम भूमिका को ध्यान में रखकर योजना बनाई गई है। ई–टेंडरिंग की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही कार्य शुरू हो जायेगा।