प्रयागराज, 29 फरवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने न्यायविद हनुमान मंदिर विवाद मामले में प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) को हलफनामा दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का मौका दिया है।
कहा है कि पीडीए इस मामले में अपना पक्ष और उसके द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी की रिपोर्ट प्रस्तुत करे। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति विकास बुधवार की खंडपीठ ने संगीता श्रीवास्तव की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
इसके पूर्व सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायमूर्ति ने पीडीए से उसका पक्ष जानना चाहा। पीडीए अधिवक्ता ने बताया कि न्यायविद हनुमान मंदिर के बगल अधिवक्ताओं की ओर से नया मंदिर बनाया जा रहा है। यह मंदिर नगर निगम की पटरी पर है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि पीडीए ने इस पर क्या किया। अधिवक्ता ने बताया कि पीडीए ने निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि पीडीए अपना जवाब हलफनामे पर दाखिल करे।
याची पक्ष की ओर से अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि मामले में नगर निगम ने अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया है। नगर निगम ने कहा है कि मंदिर का निर्माण सड़क की पटरी पर है, जो कि सरकारी भूमि है। निर्माण अवैध है। पीडीए ने अपना पक्ष नहीं रखा है। इसके बाद कोर्ट ने पीडीए से हलफनामे पर उसका पक्ष रखने का आदेश दिया।