हरिद्वार, 19 दिसंबर (हि.स.)। महानगर व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में उतरी हरिद्वार के नागरिकों ने वन विभाग के खिलाफ सड़कों पर उतरकर विरोध जताया।
जिलाध्यक्ष सुनील सेठी ने कहा कि उतरी हरिद्वार की आबादी पिछले कई समय से बंदरों के आतंक से दुखी है। कई गली, मोहल्ले के लोग बंदरों के काटने से चोटिल हो चुके हैं। पूरे उतरी हरिद्वार विशेषकर खड़खड़ी, भूपतवाला के इलाको में बंदरों के आतंक से जनता परेशान है। सड़कों पर एक्सीडेंट तक बंदरों की वजह से हो रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य का विषय है कि उत्तरी हरिद्वार के जनप्रतिनिधियों के कई बार वन विभाग को ज्ञापन सौंपने व अवगत करवाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई।
वन विभाग के गैर जिम्मेदार अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सोए हैं, जबकि बंदर पकड़कर मोतीचूर स्टेशन पर जंगलों की तरफ छोड़े जाने चाहिए थे, लेकिन विभाग कोई कार्य नहीं कर रहा, जिसकी वजह से जनता में रोष है।
स्थानीय निवासी स्वामी अन्नतानंद महाराज एवं मनोज चौहान ने बताया कि हम पिछले काफी समय से बंदरों, आवारा पशुओं के आतंक से दुखी हैं और कई बार कई लोग चोटिल हो चुके है। दो दिन पूर्व भी एक स्थानीय निवासी का बंदर की वजह से एक्सीडेंट हो गया, जिसे गंभीर चोट लगी। वन विभाग से कई बार लिखित शिकायत के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। न ही चोटिल व्यक्ति को कोई मुआवजा वन विभाग द्वारा दिया जाता है। कहा कि जल्द से जल्द पिंजरा लगाकर बंदरों को पकड़ने का काम वन विभाग करे अन्यथा वन मंत्री एवं मुख्यमंत्री से मिलकर गैर जिम्मेदार अधिकारियों की शिकायत की जाएगी।
विरोध जताने वालों में जितेंद्र चोरसिया, एसएन तिवारी, विनेश शर्मा, सुनील मनोचा, भूदेव शर्मा, अनिल कुमार, गणेश शर्मा, पवन पांडे, हेमंत कुमार, नीरज पाल, नितिन जैन, कपिल नारंग, सतीश कुमार, दीपक बंसल, नंदकिशोर पांडे, आनंद कुमार, बंटी प्रकाश, राकेश सिंह, मनोज कुमार, दीपक मेहता, मनोज ठाकुर, सोनू चौधरी उपस्थित रहे।