पंजाब के खन्ना विधानसभा क्षेत्र के विधायक तरुणप्रीत सिंह सौंध ने आम आदमी पार्टी में एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में कदम रखा था, और अब उन्हें पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया गया है। उनके इस सफर की कहानी कठिनाइयों और संघर्षों से भरी हुई है। तरुणप्रीत ने 2011 में अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल द्वारा लिखी गई ‘स्वराज’ किताब पढ़कर राजनीति में प्रवेश करने का विचार किया। उनका जन्म 7 सितंबर 1983 को खन्ना में हुआ था, जहाँ उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल से प्राप्त की।
तरुणप्रीत ने राधा वाटिका से 12वीं के बाद अनेक व्यवसायिक पाठ्यक्रम जैसे सीएनसी डिप्लोमा और ऑटोकैड कोर्स किए, और अपने पिता के साथ सोप मैन्युफैक्चरिंग मशीन इंडस्ट्री में काम करना शुरू किया। साल 2004 में कमलजीत कौर से शादी के बाद वह एक बेटे और एक बेटी के पिता बने। सहायक व्यवसायी के रूप में उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर न केवल व्यवसाय को आगे बढ़ाया, बल्कि देश भर में मशीनों की आपूर्ति भी की। हालांकि, उनका परिवार पहले कांग्रेस का समर्थक रहा, लेकिन देश में कांग्रेस द्वारा की जा रही भ्रष्टाचार और आम लोगों के हितों के प्रति अवहेलना से दुखी होकर उन्होंने आम आदमी पार्टी की ओर रुख किया।
2012 में अन्ना हजारे आंदोलन ने सौंध को प्रेरित किया, जिसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के पहले चुनावों में सक्रिय भाग लिया। पार्टी के प्रति अपनी मेहनत और प्रतिबद्धता को देखते हुए उन्हें विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया। उन्हें खन्ना, साहनेवाल और समराला का प्रधान भी बनाया गया। 2017 विधानसभा चुनावों में वे टिकट न मिलने के बावजूद पार्टी के लिए अथक परिश्रम करते रहे, जो कि तब महत्वपूर्ण था जब पार्टी को ऐसे कार्यकर्ताओं की आवश्यकता थी।
सौंध की मेहनत को पार्टी ने पहचाना और उन्हें खन्ना हलका का इंचार्ज बनाया गया। 2022 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने ऐतिहासिक जीत हासिल की, जहां उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को भारी मतों से हराया। उन्होंने 62,425 वोटों के साथ 48.55 प्रतिशत मत प्राप्त किए। मंत्री बनने के बाद, तरुणप्रीत सिंह सौंध ने मीडिया से बातचीत में बताया कि परिवारवाद आम आदमी पार्टी की पहचान नहीं है। उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक पार्टियों जैसे कांग्रेस, अकाली दल, और भाजपा में परिवारवाद प्रबल है, लेकिन उनकी पार्टी में ऐसा कोई स्थान नहीं है।
सौंध ने यह भी कहा है कि वह अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में पूरी तरह गंभीर रहेंगे और पंजाब की भलाई के लिए कार्य करेंगे। उनका मानना है कि उनकी नियुक्ति पार्टी की ओर से भारी सम्मान की निशानी है, और वह इस विश्वास पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। उनके मंत्री बनने से यह स्पष्ट होता है कि आम आदमी पार्टी में मेहनत और समर्पण का कितना मूल्य है, और वे आगे भी आम लोगों की समस्याओं का समाधान करने में जुटे रहने के लिए कटिबद्ध हैं।