बरनाला में फल के पैसे को लेकर हत्या: पेट में चाकू से वार, एक घायल!

बरनाला के तपा मंडी में मंगलवार शाम को एक दिल दहला देने वाली घटना हुई, जब दो नशेड़ी युवकों ने फल के पैसे मांगे जाने पर एक युवक की हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार, मृतक अमनदीप सिंह अपने भाई गगनदीप के साथ फलों की बिक्री के लिए रेहड़ी लगाता था। इसी दौरान दो युवकों ने कार से आकर फल खरीदे और पैसे के विषय में बहस होने पर नशे में धुत्त होकर चाकू से उन पर हमला कर दिया। इस हमले के कारण अमनदीप की तत्काल मृत्यु हो गई, जबकि गगनदीप गंभीर अवस्था में घायल हो गया।

घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें यह स्पष्ट होता है कि कैसे नशे में धुत्त युवकों ने पहले ही ग्राहकों को धमकाया और जब गगनदीप ने फल के मूल्य को लेकर अपना पक्ष रखा, तो वे बौखला गए। गगनदीप ने अस्पताल में अपने बयान में बताया कि दोनों हमलावर पहले बार उनके पास आए थे, लेकिन उनके व्यवहार ने यह साबित कर दिया कि उनमें काफी हिंसा थी। उन्होंने कहा, “मुझे, मेरे भाई को और झगड़े को रोकने वाले एक अन्य व्यक्ति को उन्होंने बुरी तरह से चाकू से घायल कर दिया।”

मृतक के पिता सरूप दास ने इस घटना पर गहरी नाराज़गी व्यक्त की और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उनकी निगरानी में पुलिस ने संज्ञान लेते हुए मामले को तेजी से आगे बढ़ाया है। बरनाला के डीएसपी गुरबिंदर सिंह ने कहा कि यह लड़ाई फल के पैसे को लेकर हुई थी और पुलिस ने हमलावरों की पहचान कर ली है। जानकारी के अनुसार, आरोपियों का नाम जगजीत सिंह और करणवीर सिंह है, जो मोगा के निवासी हैं।

पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और अब इन आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है। इस घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी चिंताओं को बढ़ा दिया है। लोग अब ये पूछने लगे हैं कि क्या ऐसे अपराधों के लिए कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी। तपा मंडी में बुधवार को स्थानीय निवासियों ने इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने की योजना बनाई, ताकि ऐसे मामलों में सख्त कानून व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके और समाज में एक चेतना जागृति हो सके।

इस घटना ने यह भी दिखाया है कि नशा किस हद तक लोगों को हिंसक बना सकता है। समाज में इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए, विशेषज्ञों ने नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और युवाओं को इसकी लत से बचने के लिए अनिवार्य कदम उठाने की आवश्यकता को स्पष्ट किया है। इस प्रकार की शोकदायक घटनाएँ और अधिक प्रयासों की मांग करती हैं ताकि भविष्य में ऐसी हिंसा को रोका जा सके और न्याय का एक ठोस ढांचा स्थापित किया जा सके।