पद्मभूषण ओसवाल से 7 करोड़ की ठगी: फर्जी SC ऑर्डर और वारंट से डराया!

मशहूर टेक्सटाइल-स्पिनिंग कंपनी वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन एसपी ओसवाल ने हाल ही में 7 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार हुए हैं। ठगों ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर की आड़ में गिरफ्तारी और बदनामी का डर दिखाया। आरोपियों ने ओसवाल को फर्जी प्रॉपर्टी सीलिंग और गिरफ्तार करने के वारंट भेजकर स्कीम को अंजाम दिया। जैसे ही उन्हें ठगी का एहसास हुआ, उन्होंने लुधियाना पुलिस को इस मामले की शिकायत की। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए एक ठग को गिरफ्तार कर लिया है। यह घटना वर्धमान ग्रुप के लिए एक चिंताजनक विषय बन गई है, क्योंकि ओसवाल को 2010 में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।

ठगी की पूरी प्रक्रिया बेहद चालाकी से चल रही थी। ओसवाल ने पुलिस को बताया कि उन्हें पहले एक फोन आया, जिसमें ठग ने दावा किया कि वह दिल्ली से है और उनके नाम सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। इतना ही नहीं, ठगों ने यह भी कहा कि इसके चलते उनकी प्रॉपर्टी सील करने के आदेश भी हैं। इस दौरान, शातिर ठगों ने ईडी, सीबीआई जैसे संस्थानों का नाम लेकर ओसवाल को डरा दिया। ओसवाल ने वीडियो कॉल पर भी एक ठग से बातचीत की, जिसने बहुत आत्मविश्वास के साथ अंग्रेजी में बात की, जिससे ओसवाल प्रभावित हुए।

जब ठगों ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फर्जी ऑर्डर भेजे, तब ओसवाल को थोड़ा यकीन हुआ। धीरे-धीरे, उन्हें इस झांसे में ले लिया गया कि वास्तव में उनके खिलाफ कानूनी मामले चल रहे हैं। अंततः, उन्होंने बचाव के लिए 7 करोड़ रुपये की मांग पर ठगों को रकम देना मान लिया। ठगों ने ओसवाल को विश्वास दिलाने में सफलता पाई कि वे वर्धमान ग्रुप के नाम को बुरा कर सकते हैं और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

एसपी ओसवाल ने पुलिस को बताया कि ठगों को सरकारी एजेंसियों के कामकाज के बारे में अच्छी जानकारी थी और उन्होंने इसकी आड़ में अपनी बातों को मजबूती प्रदान की। उन्होंने बार-बार ओसवाल को समझाया कि उनकी पहचान और कंपनी की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए उन्हें उनके निर्देशों का पालन करना होगा। लुधियाना पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और एक ठग को गिरफ्तार करने में सफल रही है, जबकि अन्य दो ठगों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

बात यहीं खत्म नहीं होती, बल्कि इससे पहले भी ठगों ने लुधियाना के एक कारोबारी रजनीश आहूजा से 1 करोड़ से अधिक की ठगी की थी। ऐसे मामलों ने न केवल कारोबारी समुदाय को सतर्क किया है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं। डीसीपी शुभम अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, लेकिन अब पुलिस ठगों की गिरफ्तारी को लेकर चाक-चौबंद है। लुधियाना पुलिस ने फिलहाल आरोपी से 6 करोड़ रुपये की वसूली कर ली है और इस मामले से जुड़े अन्य आरोपों के बारे में भी खुलासे होने की संभावना है।