अबोहर की एक महिला ने अपने पति से तलाक न मिलने के कारण आत्महत्या का प्रयास किया है। महिला, जिसकी पहचान सिमरन के रूप में हुई है, ने काला टिब्बा नहर में छलांग लगाई। वहीं आर्मी जवानों और एसएसएफ की टीम ने तत्परता दिखाते हुए उसे नहर से बाहर निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसकी स्थिति को गंभीर मानते हुए डॉक्टरों ने उसे फरीदकोट के लिए रेफर कर दिया।
सिमरन का विवाह लगभग 11 वर्ष पहले जलालाबाद निवासी परमजीत सिंह से हुआ था और उनके एक 10 वर्षीय बेटे भी हैं। हाल ही में सिमरन और उसके पति के बीच लगातार अनबन चल रही थी, जिसके कारण वह अपने बेटे के साथ लगभग दो साल से अपने माता-पिता के पास रह रही थी। उसके भाई भगवान दास ने बताया कि सिमरन को तलाक लेने के लिए कोर्ट में मामला भी चल रहा है, लेकिन उसका पति तालाक देने को राजी नहीं है, जिससे वह मानसिक तनाव में थी।
हालिया घटनाक्रम में सिमरन और उसके मायके वालों के बीच किसी बात पर बहस हुई, जिसके बाद सिमरन ने बिना किसी को बताए घर छोड़ने का निर्णय लिया। भगवान दास को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने सिमरन को मलोट स्टेशन पर ढूंढने की कोशिश की, किंतु वहां उनकी खोज पूरा नहीं हुआ। उस दिन दोपहर को अबोहर के काला टिब्बा क्षेत्र में एसएसएफ की टीम नहर के पास से गुजर रही थी, तभी उन्हें एक महिला नहर में बहते हुए दिखाई दी।
टीम ने तत्काल कार्रवाई की और आर्मी के जवानों की सहायता से सिमरन को नहर से बाहर निकाला। उसे गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उसकी स्थिति को गंभीर मानते हुए फरीदकोट के बड़े अस्पताल में भेजने का निर्णय लिया, ताकि बेहतर चिकित्सा मिल सके।
इस घटना के पीछे के कारणों की जांच थाना सदर की पुलिस कर रही है। सिमरन के परिवार ने उसकी मानसिक स्थिति और घरेलू संघर्ष के बारे में भी जानकारी दी। यह घटना एक बार फिर से घरेलू violencia और मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं की गंभीरता पर प्रकाश डालती है। समाज में ऐसे मामलों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि किसी को भी इस स्तर पर पहुंचने की जरूरत न पड़े।