गुरदासपुर में कांग्रेस और अफसरों की तीखी भिड़ंत, सांसद रंधावा के साथ सरकार विरोधी प्रदर्शन!

गुरदासपुर में मिनी सचिवालय के डीसी कार्यालय में हालात उस समय तनावपूर्ण हो गए जब कांग्रेस के प्रमुख नेता प्रताप सिंह बाजवा, सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा, विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा, और विधायक तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तीखी नोकझोंक की। इस संघर्ष के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे शब्दों के वार किए और इस बहसबाजी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। यह विवाद पंचायत चुनाव के संदर्भ में उत्पन्न हुआ, जब कांग्रेस पार्टी ने गांवों में चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों को एनओसी और चूल्हा टैक्स की पर्ची न दिए जाने के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था।

कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने डीसी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करते हुए पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस प्रदर्शन में शामिल होने के लिए विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता भी पहुंचे, जिन्होंने डिप्टी कमिश्नर से बातचीत करने का प्रयास किया। हालांकि, इस दौरान डिप्टी कमिश्नर कार्यालय पर मौजूद नहीं थे। इस स्थिति ने कांग्रेसी नेताओं के बीच आक्रोश बढ़ा दिया और उन्होंने जिला प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गर्मागर्म बहस शुरू कर दी, जिससे माहौल और भी उत्तेजित हो गया।

इस विवाद के बीच प्रताप सिंह बाजवा ने मीडिया से बात करते हुए पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार की नकारात्मक कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में अधिकतर कांग्रेसी उम्मीदवारों को एनओसी और चूल्हा टैक्स की पर्ची नहीं दी जा रही है, जिससे उन्हें नामांकन प्रक्रिया में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने अपने कार्यकाल के ढाई वर्षों के भीतर कोई महत्वपूर्ण विकास कार्य नहीं किए, जिसके चलते जनता में इस सरकार के प्रति निराशा और असंतोष बढ़ गया है।

प्रताप सिंह बाजवा ने अधिकारियों के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस अत्यधिक असुविधा के चलते कांग्रेस पार्टी अपनी मजबूती के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। उन्होंने दोहराया कि यदि स्थिति में सुधार नहीं किया गया, तो कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ और भी अधिक सख्ती से प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पंजाब में लोगों का विश्वास इस सरकार से उठ चुका है और अब चुनाव में उनकी हार साफ दिखाई दे रही है।

इस प्रकार, कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर बेहद सजग है और आगामी पंचायत चुनावों में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उनके प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि वे किसी भी प्रकार की जन आक्रोश को लेकर बेहद गंभीर हैं और अपनी पार्टी की छवि को बचाने के लिए हर प्रयास करेंगे। यह घटना पंजाब की राजनीतिक स्थिति को दर्शाती है, जहां चुनावी माहौल में तनाव और बहस जारी है।