लुधियाना में शिवसेना का उग्र प्रदर्शन: आतंकवाद का पुतला जलाकर पुलिस को अल्टीमेटम!

लुधियाना में शिवसेना भारतवंशी के नेताओं ने आज पुलिस प्रशासन के खिलाफ एक रोष मार्च निकाला। इस मार्च का आयोजन विशेष रूप से उस घटना के मद्देनजर किया गया जिसमें 16 अक्टूबर को शिवसेना नेता योगेश बख्शी के घर के बाहर पेट्रोल बम से हमला किया गया था। नेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की और मांग की कि पुलिस तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करे। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं पंजाब में लोकतंत्र और कानून व्यवस्था के लिए खतरा हैं।

शिवसेना नेताओं ने लुधियाना पुलिस को एक हफ्ते का अल्टीमेटम दिया है, जिसमें कहा गया कि यदि जल्द ही दोषियों को नहीं पकड़ लिया गया तो शिवसेना पंजाबभर में विरोध प्रदर्शन करेगी। नेताओं का कहना है कि 20 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अब तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है। योगेश बख्शी ने कहा कि लुधियाना के पुलिस कमिश्नर द्वारा एक सप्ताह पहले दिए गए आश्वासन पर भरोसा नहीं किया जा रहा है, क्योंकि पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है।

इस मार्च के दौरान, शिवसेना ने आतंकवाद के खिलाफ प्रतीकात्मक रूप से पुतला फूंका, जिससे उनके दृढ़ संकल्प का भी संदेश गया। बख्शी ने कहा कि यह न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे पंजाब के लिए एक चेतावनी है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में लगातार शिवसेना नेताओं पर हमले हो रहे हैं जो इस बात का संकेत हैं कि स्थिति गंभीर हो चुकी है।

इस मामले में लुधियाना के डीसीपी शुभम अग्रवाल ने कहा कि पुलिस टीमें हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। वे आश्वस्त करते हैं कि दोषियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। हालांकि, शिवसेना नेताओं का गुस्सा इस बात से और बढ़ गया है कि पुलिस के पास अब तक इस मामले में कोई ठोस सुराग नहीं है। वे चाहते हैं कि पुलिस उनके सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा करे।

इस संदर्भ में चिंता जताते हुए शिवसेना के नेता ने कहा कि यदि पुलिस ने अपना कार्य ठीक से नहीं किया तो उन्हें सड़क पर उतरकर विरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह घटना केवल एक नेता पर हमला नहीं है, बल्कि यह पंजाब के समस्त राजनीतिक वातावरण के लिए एक चेतावनी है। शिवसेना के पदाधिकारी एकजुट होकर यह बात स्पष्ट कर रहे हैं कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए अडिग रहेंगे।

इस प्रकार, लुधियाना में चल रहा यह आंदोलन न केवल स्थानीय मुद्दों को उजागर करता है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे राजनीतिक पार्टियां एकजुट होकर अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार हैं। कानून व्यवस्था में सुधार के साथ-साथ राजनीतिक स्थिरता की भी आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो।