पंजाब के गुरदासपुर जिले में दिवाली का उत्सव एक परिवार के लिए ग़म में बदल गया। गांव शाहपुर जाजन के एक निवासी हरदीप सिंह, जोकि केवल 24 वर्ष के थे, पटाखे चलाते समय गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना बीती रात की है। दिवाली के इस खास मौके पर जब लोग खुशी मनाने में मशगूल थे, तब हरदीप ने भी अपने घर की छत पर आतिशबाजी का आनंद लेने का फैसला किया।
हरदीप की ख़ुशियाँ अचानक तब टूट गईं जब एक पटाखा उसके गले में लग गया। स्थानीय लोगों के अनुसार, पटाखा लगते ही वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। परिवार और ग्रामीण तुरंत उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही उनकी सांसें थम गईं। परिवार के लिए यह एक अत्यंत दुखदायी समाचार था और जैसे ही ये खबर पूरे गांव में फैली, चारों ओर मातम छा गया। सभी लोग हरदीप के परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने लगे।
हरदीप के पिता गुरदेव सिंह ने अपना दुख साझा करते हुए कहा कि उनका बेटा खुश-मिजाज और दूसरों की मदद करने वाला था। दिवाली का त्योहार उनके लिए विशेष होता था और इस अवसर पर वह पटाखे चलाने का आनंद उठा रहा था। लेकिन इस असामान्य घटना ने उनके परिवार में गहरी शोक की लहर पैदा कर दी। ग्रामीणों ने हरदीप की मां की दशा को देखकर अपनी दुआओं का इज़हार किया और मांग की कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएं।
इस घटना ने सुरक्षा और सावधानी की आवश्यकता पर भी सवाल उठाए हैं। हर साल कई लोग दिवाली के दौरान पटाखों के कारण घायल होते हैं, लेकिन यह दुखदायी घटना एक बार फिर हमें यह याद दिलाती है कि सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सरकार द्वारा पटाखों पर लगाने वाले नियमों और सुरक्षा उपायों को अपनाने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
दिवाली की खुशियाँ मनाते हुए हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि सुरक्षा और सावधानी सबसे पहले आती है। इस खूबसूरत त्योहार का मज़ा लेना हमारे लिए जरूरी है, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि हम अपने तथा दूसरों के जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करें। हरदीप सिंह की त्रासदी ने हमें फिर से आगाह किया है कि उत्सव मनाने से पहले हमें अपनी और दूसरों की सुरक्षा के प्रति सजग रहना होगा। इस तरह की घटनाएं न केवल परिवारों को प्रभावित करती हैं, बल्कि समाज में भी गहरा असर छोड़ती हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, इस दिशा में जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।