गुरदासपुर जिले के गांव गुनियां में बीती रात एक दिल दहला देने वाली लूट की घटना हुई। सदर थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित इस गांव में, एक बुजुर्ग गुरसिख दंपती के घर में तीन लुटेरे घुस आए। हालांकि लुटेरों का सामना करते हुए बुजुर्ग बलदेव सिंह ने अपनी बहादुरी का परिचय दिया और उन्हें बिना किसी लूटपाट के भागने पर मजबूर कर दिया। इस घटना के दौरान बलदेव सिंह और उनकी पत्नी कश्मीर कौर को काफी चोटें आईं, लेकिन बलदेव सिंह ने लुटेरों का सामना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
गांववासियों ने बताया कि घटना की शुरुआत रात लगभग पौने दस बजे हुई, जब दो लुटेरे घर में घुस आए। उन्होंने बुजुर्ग दंपती को पिस्तौल की नोक पर धमकाने की कोशिश की, लेकिन बलदेव सिंह ने साहस दिखाते हुए एक लुटेरे को अपनी बाहों में पकड़ लिया। इस बीच, दूसरे लुटेरे ने बलदेव सिंह पर पिस्तौल की बट से वार किया, जिसके फलस्वरूप उनके सिर और बांहों से खून बहने लगा। बावजूद इसके, बलदेव सिंह ने अपने साहस का परिचय देते हुए लुटेरे को छोड़ने से मना किया।
इस मुश्किल घड़ी में, जैसे ही दूसरे लुटेरे ने अपने साथी को गोली मारने के लिए कहा, पिस्तौल की मैगजीन जमीन पर गिर गई। उसी समय, लुटेरे बिना लूटपाट किए अपनी जान बचाने के लिए भागने पर मजबूर हो गए। लुटेरों का एक अन्य साथी बाहर खड़ा था, जो अंदर आ रहे लुटेरों के भागने का इंतजार कर रहा था। इस तरह, बलदेव सिंह की हिम्मत ने उन्हें लूटने से रोका और तीनों लुटेरे वहां से फरार हो गए।
गांव गुनियाँ के लोग इस घटना को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण मानते हैं। बलदेव सिंह, जो लंबे समय से गुरुद्वारे में सेवा कर रहे थे, अब अपनी उम्र के कारण कमजोर हो गए हैं और ज्यादातर समय घर पर ही रहते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है। पुलिस को इस घटना की जानकारी तुरंत दी गई, और उन्होंने मौके पर पहुंचकर लुटेरों की छोड़ी हुई पिस्तौल की मैगजीन को जब्त कर लिया है। गुरुद्वारे में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर पुलिस ने कुछ संदेहियों को हिरासत में लिया है।
स्थानीय निवासियों की मांग है कि इस घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी भयावह घटनाएं होने से रोकी जा सकें। समाज के सम्मानित सदस्यों के साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार ना केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक कलंक भी है। इसके अलावा, लोगों ने पंजाब पुलिस से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में शीघ्र कार्यवाही करें और सुरक्षा के अन्य उपायों पर भी ध्यान दें, ताकि बुजुर्गों का मनोबल और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।