पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में वायु प्रदूषण की स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो गई है, जिसके चलते प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से लॉकडाउन लागू करने का निर्णय लिया है। स्कूलों को बंद किया जा चुका है और अब बच्चों को एक सप्ताह तक ऑनलाइन कक्षाएं लेने के निर्देश दिए गए हैं। इस बीच, पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखने की योजना बनाई है, जिसमें भारत के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बनाने का अनुरोध किया जाएगा।
पंजाब की संस्कृति मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि लाहौर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 1000 से ऊपर जा चुका है, और इस समय हवा का रुख भारतीय शहर अमृतसर-चंडीगढ़ की ओर है, जिससे लाहौर के प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी हो रही है। उनका कहना है कि यदि हवा का रुख पाकिस्तान से भारत की तरफ हो, तो AQI स्तर 500 के करीब पहुंच जाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली से उत्पन्न प्रदूषण लाहौर की वायुमंडल को प्रभावित कर रहा है, जिसके कारण 365 दिनों में से 220 दिन लाहौर का वायु गुणवत्ता स्तर नकारात्मक रहता है।
आगे बढ़ते हुए, मरियम औरंगजेब ने बताया कि अगले एक सप्ताह तक हवा का रुख लाहौर की ओर रहेगा, जिससे प्रदूषण में और वृद्धि की आशंका है। इस संदर्भ में, पंजाब सरकार ने कड़े कदम उठाने का मन बना लिया है। स्कूल बंद होने के साथ ही उद्योगों को भी सूचित किया गया है कि वे सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इस समय सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाएगा और निर्माण कार्यों को रोकने का आदेश दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों के कर्मचारियों का 50% वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दी गई है।
पंजाब सरकार ने पिछले आठ महीनों से लाहौर के मौसम की निगरानी की है। मरियम ने कहा कि यदि AQI का स्तर 1000 से अधिक है, तो वह पहले कभी 45 के तक पहुंच चुका है। वर्तमान में पराली जलाने का सीजन चल रहा है, जो स्थिति को और गंभीर बना रहा है। ऐसे में नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों में रहें और बाहर निकलने के समय मास्क का प्रयोग करें। यह स्पष्ट है कि लाहौर में वायु प्रदूषण की समस्या न केवल स्थानीय है, बल्कि इसका संबंध वैश्विक स्तर पर फैलने वाले प्रदूषण से भी है, जिसके लिए पाकिस्तान भारत पर आरोप लगा रहा है।
इस प्रकार, लाहौर में प्रदूषण के इस संकट के चलते सांस्थानिक उपायों के साथ-साथ कूटनीतिक सक्रियता की योजना बनाई गई है, जो यह दर्शाती है कि इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार गंभीर है। भविष्य में मौसम की स्थिति और महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए सजग रहने की आवश्यकता है ताकि लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित रह सके।