पंजाब में हाल ही में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू की भाजपा नेता तरनजीत सिंह संधू से मुलाकात ने राजनीतिक हलचलों का नया दौर शुरू कर दिया है। लंबे समय से कांग्रेस से दूरी बनाए रखने वाले सिद्धू परिवार का यह कदम अनुमानित है, क्योंकि नवजोत सिंह सिद्धू स्वयं राजनीति से अलग होकर क्रिकेट में व्यस्त हैं और इस समय अपने परिवार के साथ अमृतसर में हैं। डॉ. नवजोत कौर ने अपनी बेटी राबिया के साथ समुंद्री निवास पर जाकर तरनजीत सिंह संधू से मुलाकात की, जहां उन्होंने दोनों के बीच विकास मुद्दों पर चर्चा भी की। संधू ने इस मुलाकात की तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर साझा करते हुए इसे एक सुखद अनुभव बताया।
2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का हिस्सा बनने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कैबिनेट मंत्री के तौर पर कार्य करना शुरू किया। लेकिन बाद में उन्हें मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ मतभेदों का सामना करना पड़ा। इन मतभेदों के चलते उन्हें 2019 में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस की हार और सिद्धू की राजनीतिक यात्रा में विभिन्न उतार-चढ़ाव ने उनके पार्टी के प्रति लगाए गए आरोपों को और सशक्त किया। सिद्धू ने उनसे जुड़ी सभी गतिविधियों से दूर रहकर एक स्पष्ट दूरी बना ली है। उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर का भी कैंसर के इलाज के दौरान सिद्धू का समर्थन उनके परिवार के मजबूत बंधन को दर्शाता है।
नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक सफर 2004 में भाजपा से शुरू हुआ था, जहां उन्होंने अमृतसर लोकसभा सीट से जीत हासिल की। बाद में वह राज्यसभा के लिए भी नामांकित हुए, लेकिन भाजपा के साथ मतभेदों के कारण उन्होंने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने 2017 में कांग्रेस का दामन थामा, लेकिन पार्टी में अपने प्रभाव को बनाए रखने में असफल रहे। कैबिनेट मंत्री के तौर पर सिद्धू ने पर्यटन विकास पर ध्यान दिया, लेकिन अंदरूनी राजनीति ने उनकी स्थिति को कमजोर किया।
पंजाब कांग्रेस में आंतरिक मतभेद और सिद्धू के मुखर रवैये ने उनके पार्टी के भीतर की स्थिति को कमजोर कर दिया। यह मतभेद तब और बढ़ गए जब 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। सिद्धू को इस हार का भी जिम्मेदार ठहराया गया, जिससे उनके पार्टी से संबंध और कमजोर हुए। अब उनके परिवार का भाजपा नेताओं से मिलना, सिद्धू के राजनीतिक करियर में एक नया अध्याय जोड़ता है, जो उनके भविष्य की राजनीतिक दिशा को लेकर सवाल उठाता है।
डॉ. नवजोत कौर अब धीरे-धीरे सामान्य जीवन में लौटने की कोशिश कर रही हैं, जबकि उन्होंने अपने कैंसर के इलाज के दौरान सिद्धू का पूरा सहारा लिया। सिद्धू और उनकी पत्नी के कांग्रेस से छनते हुए संबंध, भविष्य में कैसे विकसित होंगे, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। कांग्रेस के भीतर सिद्धू परिवार की स्थिति अगर और कमजोर होती है, तो यह संभावित रूप से भाजपा के लिए एक नया अवसर बन सकता है। ऐसे में सिद्धू परिवार और भाजपा के बीच बढ़ती नज़दीकियों ने राजनीतिक समीकरणों को लेकर एक नई स्थिति उत्पन्न कर दी है।