चंडीगढ़ में बड़ी चोरी का पर्दाफाश: 9 बैटरियों के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार, पुलिस कर रही जांच!

चंडीगढ़ पुलिस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घटना का पर्दाफाश करते हुए तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। यह तीनों आरोपी ई-रिक्शा से बैटरियों की चोरी में शामिल पाए गए हैं। पुलिस ने उनके पास से कुल नौ बैटरियां बरामद की हैं, जो चोरी की गईं थीं। गिरफ्तार व्यक्तियों में अंकित उर्फ लोटा (21 वर्ष, मौली निवासी), नीरज उर्फ लड्डू (21 वर्ष, मौली कॉम्प्लेक्स निवासी) और राम सिंह उर्फ दाम सिंह (34 वर्ष, एनआईसी निवासी) का नाम शामिल है। ये सभी आरोपी आईटी पार्क थाना क्षेत्र में घटित हुई चोरी के मामले में लिप्त थे।

31 अक्टूबर को मनी माजरा निवासी शिव कुमार ने पुलिस से शिकायत की थी कि उनके ई-रिक्शा की तीन बैटरियां 27 अक्टूबर की रात चोरी कर ली गई हैं। शिव कुमार का ई-रिक्शा उन्होंने घर के बाहर पार्क किया था, और जब सुबह उठे, तो पता चला कि बैटरियां गायब हैं। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच का कार्य प्रारंभ किया।

पुलिस जांच के दौरान एएसआई हुशिंदर राणा की अगुवाई में एक टीम ने अंकित को गिरफ्तार किया, जिसने अपनी गिरफ्तारी के बाद एक चोरी की बैटरी भी बरामद की। अंकित की पहचान और उससे मिली जानकारी पर नीरज और राम सिंह को भी पकड़ लिया गया। इन दोनों के पास से भी बैटरियां मिलीं। आगे की पूछताछ में पुलिस ने छह और चोरी की बैटरियों को बरामद किया, जिन्हें बाद में शिकायतकर्ता ने पहचाना।

आरोपियों के चरित्र का विश्लेषण करते हुए पाया गया कि अंकित उर्फ लोटा ने पहले किसी आपराधिक गतिविधि में संलिप्तता नहीं दिखाई है। वहीं, नीरज उर्फ लड्डू हत्या के एक मामले में पहले शामिल रह चुका है और वर्तमान में जमानत पर है। राम सिंह उर्फ दाम सिंह ने हरियाणा में चोरी के मामले में संलिप्तता दिखाई है और वह भी जमानत पर है। ऐसे में इन तीनों ने जिस प्रकार की आपराधिक गतिविधियों में भाग लिया है, वह पुलिस के लिए एक चिंता का विषय बन गया है।

चौकाने वाली इस चोरियों से न केवल चंडीगढ़ की कानून व्यवस्था पर सवाल उठता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि युवा पीढ़ी किस प्रकार की आवेगपूर्ण गतिविधियों में लिप्त हो रही है। पुलिस की कार्रवाई एवं जल्द गिरफ्तारी ने हालांकि सुरक्षा को एक प्रमुख पुष्टिकरण प्रदान किया है। मामले की आगे की जांच जारी है ताकि अन्य संभावित आरोपियों का भी पता लगाया जा सके। 경찰 प्रशासन का यह प्रयास निश्चित तौर पर शहर में अपराध पर नियंत्रण के लिए आवश्यक है।