पंजाब के शिक्षा विभाग में चल रही ईटीटी (ETT) शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को निर्वाचन आयोग ने आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी है। इस निर्णय से अब प्रक्रिया में तेजी लाने का रास्ता खुल गया है। आगामी सोमवार से इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई का आरंभ होगा, जिसमें स्टेशन आवंटन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। लेकिन नियुक्ति पत्रों का वितरण 13 नवंबर के बाद ही किया जाएगा। वर्तमान में शिक्षा विभाग में 2364 और 5994 पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी, लेकिन हाल ही में चार विधानसभा क्षेत्रों—बरनाला, डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल और गिद्दड़बाहा—के चुनाव आ जाने के कारण यह प्रक्रिया ठप हो गई थी। चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू हो गई थी, जिसके चलते भर्ती का काम रुक गया था।
पंजाब सरकार ने इसके खात्मे के लिए निर्वाचन आयोग से संपर्क किया था, और इसके बाद से अब स्थिति में सुधार हुआ है। सरकार की मंशा है कि इस प्रक्रिया को प्राथमिकता के साथ पूरा किया जाना चाहिए ताकि योग्य उम्मीदवारों को समय से नियुक्त किया जा सके। ईटीटी शिक्षक भर्ती परीक्षा की तिथि भी निर्धारित कर दी गई है, जो कि 28 जुलाई 2024 को आयोजित की जाएगी।
इस भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत सरकारी स्कूलों के लिए 5994 प्राथमिक शिक्षक पदों के लिए पंजाब शिक्षा भर्ती बोर्ड द्वारा एक पाठ्यक्रम का प्रकाशन भी किया गया है, जिसे “पंजाब ईटीटी शिक्षक पाठ्यक्रम 2024” नाम दिया गया है। यह पाठ्यक्रम उम्मीदवारों को परीक्षा में उचित तैयारी के लिए आवश्यक सामग्री और दिशा-निर्देश प्रदान करेगा।
विभाग के अधिकारियों की माने तो यह भर्ती प्रक्रिया राज्य के शिक्षा तंत्र को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य में शिक्षकों की कमी को पूरा करने और बच्चों के शैक्षणिक स्तर को उठाने के उद्देश्य से, यह प्रक्रिया अति आवश्यक है। इसके साथ ही, शिक्षकों की भर्ती समय पर होना, शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने तथा बेहतरीन शिक्षा प्रदान करने की दिशा में सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
इस तरह, निर्वाचन आयोग की मंजूरी और सरकार की सक्रियता के साथ, पंजाब में ईटीटी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ेगी। उम्मीद की जा रही है कि इससे न केवल पदों की रिक्तता भरी जाएगी, बल्कि छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता में भी सुधार होगा। सरकार इस प्रक्रिया को एक बेहतर और पारदर्शी रूप में आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि योग्य उम्मीदवारों को उनकी जगह मिल सके और राज्य के शिक्षा क्षेत्र को मजबूती प्रदान की जा सके।