मुक्तसर में BJP-AAP ऑफिस घेराव: किसान धरने में, सरकारों पर तीखा हमला!

पंजाब के मुक्तसर विधानसभा क्षेत्र के गिद्दड़बाहा में भाकियू एकता उग्राहा द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में पक्का मोर्चा शुरू किया गया है। यह मोर्चा भाजपा के उम्मीदवार मनप्रीत सिंह बादल और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों के कार्यालयों के सामने लगाया गया, जहां पंजाब और केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई। इस प्रदर्शन में किसानों के हितों से जुड़े मुद्दे उठाए गए, जिनमें धान मंडियों में सरकार द्वारा शीघ्र और बिना रोक-टोक खरीद की व्यवस्था को सुनिश्चित करने की मांग शामिल है।

भाकियू के जिलाध्यक्ष हरबंस सिंह कोटली एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष गुरपांस सिंह सिंघेवाला ने बताया कि पिछले 17 दिनों से पंजाब भर में किसानों की समस्याओं को लेकर धरने आयोजित किए जा रहे थे। अब इन धरनों को गिद्दड़बाहा उप चुनाव के संदर्भ में आगे बढ़ाया गया है। 4 नवंबर से शुरू हुआ यह पक्का मोर्चा चुनावी माहौल में किसानों की आवाज को उजागर करने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान गांवों में प्रदर्शन कर किसानों और मजदूरों को जागरूक किया जाएगा।

इस विरोध के दौरान ज्ञापन देते हुए नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि धान मंडियों में खरीद के अभाव और डीएपी खाद की कमी के लिए दोनों सरकारें जिम्मेदार हैं। प्रदर्शन में किसान-मजदूर संगठनों की बड़ी संख्या शामिल हुई, जिसमें मुख्यत: जोगिंदर सिंह बुट्टर, हरपाल सिंह चीमा, मलकीत सिंह और अन्य नेता उपस्थित रहे। यह सभी मिलकर किसानों की समस्याओं को उठाने का कार्य कर रहे हैं।

गिद्दड़बाहा में हो रहे इस पक्के मोर्चे का उद्देश्य न केवल चुनावी मुद्दों को उठाना है, बल्कि किसानों को उन समस्याओं से भी अवगत कराना है जो उनके लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं। नेताओं ने किसानों को एकजुट करने और उनकी आवाज को बुलंद करने का आश्वासन दिया। किसानों ने रैली में भाग लेते हुए यह स्पष्ट किया कि वे अपनी मांगों के लिए किसी भी प्रकार का संघर्ष करने के लिए तैयार हैं।

इस प्रकार, भाकियू एकता उग्राहा का यह आंदोलन केवल पूर्व चुनावी गतिविधियां नहीं हैं, बल्कि यह किसानों की वास्तविक समस्याओं को उजागर करने और उनके हितों की रक्षा करने का एक प्रयास है। आने वाले दिनों में किसानों और मजदूर संगठनों द्वारा और अधिक पहलकदमी की जाने की उम्मीद की जा सकती है, जिससे उनकी आवाज को राजनीतिक गलियारों में पहुंचाया जा सकेगा।