बहुजन समाज पार्टी (BSP) की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से बर्खास्त किए गए जसबीर सिंह गढ़ी ने हाल ही में पार्टी से निकाले जाने के कारणों पर खुलकर अपने विचार रखे। गढ़ी का कहना है कि उन्हें पार्टी से निकालने का कारण एक सामान्य फोन कॉल था, जिसमें उन्होंने BSP सुप्रीमो मायावती के करीबी मेवालाल से मुलाकात का समय मांगा था। गढ़ी का आरोप है कि उनकी यह अनुशासनहीनता मानी गई और इसके परिणामस्वरूप उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया।
जसबीर गढ़ी ने बताया कि उन्होंने 5 नवंबर को मेवालाल को फोन करके कुमारी मायावती से मिलने का अनुरोध किया था। उनका इरादा था कि वह प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी रणधीर सिंह बेनीवाल के खिलाफ शिकायत पेश करें। गढ़ी ने कहा कि इस फोन कॉल के जवाब में उन्हें बताया गया कि मायावती 23 नवंबर तक व्यस्त हैं, और इसके बाद मुलाकात का समय दिया जाएगा। अचानक, गढ़ी को पार्टी से निकाले जाने का एक पत्र मिला, जिसमें उनके निष्कासन की बात कही गई थी। उनके अनुसार, इस बात का उनके लिए कोई अफसोस नहीं है और वे इस निर्णय का सम्मान करते हैं।
गढ़ी ने लिखा, “हाईकमान के फैसले का मैं सम्मान करता हूं और कोशिश करूंगा कि मायावती से बात हो सके।” उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में कई कार्यकर्ताओं और नेताओं का सहयोग मिला और वे इस सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे अब घर बैठकर सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। गढ़ी ने अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी बात की और कहा कि वे अगले तीन महीने में अपने वजन को घटाने की कोशिश करेंगे।
उधर, जसबीर गढ़ी की जगह पार्टी के नए अध्यक्ष बने अवतार सिंह करीमपुरी ने अपनी नियुक्ति के लिए मायावती का आभार व्यक्त किया है। करीमपुरी ने कहा कि वह पार्टी के सभी सदस्यों को एकजुट रखने का प्रयास करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि वे जाति-धर्म के भेदभाव के बिना सभी को समान नजर से देखें। उन्होंने BSP के मूल उद्देश्य की ओर संकेत करते हुए कहा कि पार्टी का लक्ष्य सभी धर्मों और जातियों के लोगों के दुख और समस्याओं को समझते हुए उनके निवारण में सहयोग करना है।
करीमपुरी का कहना है कि वे अपने नेतृत्व में पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और सभी वर्गों के लोगों को विश्वास दिलाते हैं कि बसपा उनके दुःख-दर्द में साथी बनेगी। उनका यह भी कहना है कि पार्टी हमेशा समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए तत्पर रहेगी। इस तरह, एक तरफ जहां जसबीर गढ़ी का यह अनुभव पार्टी के भीतर अनुशासन और संवाद की आवश्यकता को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर करीमपुरी का नेतृत्व पार्टी को एक नई दिशा में ले जाने का संकेत देता है।