अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाओं ने दिया पहला अर्घ्य, उमड़ा भक्ति का सैलाब
मीरजापुर, 07 नवम्बर (हि.स.)। सूर्य उपासना के महापर्व छठ के तीसरे दिन गुरूवार को आस्था, उल्लास और समर्पण का अनूठा समन्वय गंगा घाटों पर नजर आया। कचहरी घाट बरियाघाट, पक्का घाट व नारघाट पर मंगल गीत गातीं व्रती महिलाओं के आने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। छठी मईया के जयघोष के साथ लोक पर्व छठ पूजा का मुख्य अनुष्ठान आरंभ हो गया।
गुरूवार की शाम गंगा घाट पर व्रती महिलाएं अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंची। व्रतियों की टोली छठ उपासना में तल्लीन दिखी। उनकी कठोर तपस्या के साक्षी व सहयोगी बनने को परिवार के लोग तत्पर थे। घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात थे। महिला पुलिसकर्मी भी नजर आईं। नदी में बैरिकेडिंग कर पानी में एक सीमा तक जाने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से की गई थी। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए नावों और मोटर बोट की व्यवस्था की गई थी। निर्जला व्रत रहकर महिलाओं ने गन्ने के मंडप में गीत गाती छठ मैया की विधिवत पूजा की। इसके बाद महिलाओं ने पानी में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के बाद व्रती वापस वेदी के सामने पहुंचीं। वेदी के सम्मुख फल के साथ ही पूजन के लिए तैयार पकवान रख महिलाओं ने आरती उतारी। प्रणाम कर मनवांछित फल मांगा, फिर पति के हाथों प्रसाद ग्रहण किया। घाट पर पहुंचे सभी लोगों ने परिवार के साथ परंपरा का निर्वहन किया। शुक्रवार की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन होगा।
नगर पालिका ने कराई गंगा घाटों पर विशेष सफाई
छठ पूजा को लेकर नगर पालिका परिषद की ओर से विशेष साफ-सफाई कराई गई थी। गंगा घाट पर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर चूने का छिड़काव कराया गया था। ईओ मीरजापुर जी लाल ने निरीक्षण करके साफ-सफाई का जायजा लिया। माला-फूल रखने के लिए बरियाघाट, कचहरी घाट, फतहा घाट आदि पर अर्पण कलश रखा गया है। घाटों पर आकर्षक पेंटिंग कराया गया था। साफ-सफाई के साथ ही प्रकाश के लिए हाईमास्ट व झालर को लगवाया गया है।