फाजिल्का की अनाज मंडी में धान की लिफ्टिंग को लेकर हालिया समस्याओं ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। इस संदर्भ में अब प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार, धान की लिफ्टिंग के लिए ठेकेदारों को अब केवल दो दिन का समय दिया गया है। यदि इस निर्धारित समय के भीतर परमल धान की लिफ्टिंग नहीं की गई, तो प्रशासन ने चेतावनी दी है कि उनके टेंडर रद्द कर दिए जाएंगे।
मार्केट कमेटी के चेयरमैन परमजीत नूरशाह ने बताया कि अब तक करीब 70 प्रतिशत परमल धान की लिफ्टिंग की जा चुकी है। हालांकि, इसके बावजूद मंडी के मुख्य गेट से लेकर मार्किट कमेटी कार्यालय तक का मार्ग अभी भी बाधित है, जिससे आम लोगों को दफ्तर पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं। इस जाम के कारण लोगों की कई शिकायतें भी प्रशासन के पास आ रही हैं। इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की, जिसके परिणामस्वरूप ठेकेदारों को साफ चेतावनी जारी की गई है।
कृषि मंडी में समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन ने ठेकेदारों को दो दिन का सख्त समय निर्धारित किया है। चेयरमैन नूरशाह ने बताया कि यदि निर्धारित समय के भीतर बकाया धान की लिफ्टिंग का कार्य पूरा नहीं किया गया, तो तीसरे दिन उन ठेकेदारों के टेंडर रद्द कर दिए जाएंगे। इससे यह स्पष्ट है कि प्रशासन इस मुद्दे को लेकर काफी गंभीर है और किसी भी कीमत पर ग्रामीणों की कठिनाईयों को कम करना चाहता है।
इस स्थिति में ठेकेदारों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि उन्हें अपने कार्य योजना और संसाधनों का सही उपयोग कर इस समस्या का समाधान करना होगा। यदि वे समय पर लिफ्टिंग नहीं कर पाते हैं, तो न केवल उनके टेंडर रद्द होंगे, बल्कि उन्हें भविष्य में और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इससे निश्चित रूप से मंडी के कामकाज पर नकारात्मक असर पड़ेगा, जिससे किसानों और व्यापारियों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इस प्रकार, प्रशासन की सख्ती और स्पष्ट निर्देशों के बाद सभी प्रदेशों को ध्यान में रखते हुए ठेकेदारों के सामने चुनौती है कि वे इस मुद्दे का समाधान जल्द से जल्द करें ताकि अनाज मंडी की स्थिति में सुधार हो सके और किसानों की समस्याओं का समाधान हो सके। समय पर कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी और कार्यप्रणाली दोनों की नैतिकता को बनाए रखते हुए, ठेकेदारों को इस संदर्भ में गंभीरता से विचार करना होगा।