फतेहाबाद : किसान आंदोलन की चौथी वर्षगांठ पर किसानों ने किया प्रदर्शन, डीसी को राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

फतेहाबाद : किसान आंदोलन की चौथी वर्षगांठ पर किसानों ने किया प्रदर्शन, डीसी को राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

फतेहाबाद, 26 नवंबर (हि.स.)। संयुक्त किसान आंदोलन की चौथी वर्षगांठ पर मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा, ट्रेड यूनियन एवं खेत मजदूर संगठनों के संयुक्त आह्वान पर डीसी दफ्तर फतेहाबाद के बाहर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन करते हुए किसान लघु सचिवालय पहुंचे और अपनी मांगों का ज्ञापन उपायुक्त के मार्फत महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता निर्भय सिंह रतिया, सुखविंदर सिंह जेई, विष्णु दत्त शर्मा, रामकुमार बहबलपुरिया, लाभ सिंह टोहाना, ओमप्रकाश अनेजा, ओमप्रकाश, सतबीर सिंह पारता ने संयुक्त रूप से की तथा संचालन मास्टर राजेन्द्र प्रसाद बाटू एवं अजय सिधानी ने किया। किसान-मजदूर नेता रामकुमार बहबलपुरिया ने बताया कि 26 नवंबर को लामबंदी के माध्यम से विरोध दिवस के रूप में चुना है क्योंकि यही वह दिन है जब ट्रेड यूनियनों ने मजदूर विरोधी चार श्रम कानूनाें के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी और किसानों ने 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद की ओर अपना ऐतिहासिक मार्च शुरू किया था। आज ऐतिहासिक आंदोलन की चौथी वर्षगांठ है। किसानों के लंबे संघर्ष के बाद कृषि कानून वापस लिए जाने पर किसानों से किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। किसान अपनी अल्प एमएसपी, एपीएमसी मंडियां, एफ सीआई और पीडीएस आपूर्ति को बचाने के लिए भी फिर से सडक़ों पर उतरने को मजबूर हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को और ज्यादा राहतें देने के लिए सरकार द्वारा केंद्रीय बजट 2024-25 में घोषणा की गई है। डिजिटल कृषि मिशन-डीएएम के माध्यम से भूमि और फसलों का डिजिटलीकरण लागू किया जा रहा है। आज किसान चेतावनी रैली को किसान नेता रामस्वरूप ढाणी गोपाल, अजय सिधाणी, रामकुमार बहबलपुरिया, निर्भय सिंह रतिया, सुखविंदर सिंह जे ई, विष्णु दत्त शर्मा, गगनदीप कौर, तजिंदर सिंह थिंद, दलबीर सिंह आजाद, सतबीर सिंह, शीला शक्करपुरा, धर्मपाल जांडली, पवन कुमार भूथनकलां सहित अनेक नेताओं ने सम्बोधित किया।