नवजात की जान बचाने वाले सम्मानित दो डाक्टर, दो एएनएम और एक टेक्नीशियन को मिला सम्मान
पलामू, 21 दिसंबर (हि.स.)।पलामू प्रमंडलीय हॉस्पिटल मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से हाई फ्लो मशीन में आग लगने पर समझ और सूझबूझ दिखाकर नवजातों की जान बचाने और घटना को नियंत्रित करने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वाथ्यकर्मियों को सम्मानित किया गया।
इस सिलसिले में एमआरएमसीएच में जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में शनिवार को सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर जिले के सिविल सर्जन डा. अनिल कुमार उपस्थित थे। सिविल सर्जन ने बच्चा वार्ड के इंचार्ज और एचओडी डा. गौरव विशाल, डा. रजी के अलावा जीएनएम कुमारी ममता त्रिशूल, ओरिया दयानी एवं टेक्नीशियन रवि कुमार चन्द्रवंशी को सम्मानित किया। सभी को मोमेंटो, प्रमाण पत्र दिए गए।
उल्लेखनीय है कि गत 14 दिसंबर की अहले सुबह दो बजे एमआरएमसीएच के एसएनसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट की वजह से हाई फ्लो मशीन में आग लग गयी थी। घटना के तुरंत बाद बिजली और ऑक्सीजन लाइन का कनेक्शन काट देने के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया था। घटना के वक्त वार्ड में आठ बच्चे भर्ती थे, उन्हें फोर्थ फ्लोर से फर्स्ट फ्लोर पर लेबर वार्ड में शिफ्ट किया गया था और करीब चार घंटे की मरम्मत के बाद वार्ड को पहले की तरह तैयार करके बच्चों को पुनः शिफ्ट किया गया था। फायर फाइटर और अन्य जरूरी उपकरण से आग पर काबू पाया गया था। घटना जिस समय हुई, उस वक्त एक बच्चे को ऑक्सीजन दिया जा रहा था।
इस दाैरान डाक्टर और जीएनएम को सम्मानित करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि सम्मानित करने का उद्देश्य अन्य स्टाफ में जागरूकता लाना है, ताकि वे आपदा के समय समझ और सूझबूझ का परिचय दे सकें। उनका उत्साह बढा रहे हैं। घटना के बाद एसएनसीयू वार्ड में कार्यरत डाक्टर और अन्य स्टाफ ने रिएक्शन नहीं कर रेस्पॉड किए थे। इसी वजह से घटना को टाला गया। समझ और सूझबूझ के कारण पूरे सिस्टम को बचाया गया। घटना के बाद अगर स्टाफ घबरा जाते तो छोटी घटना बड़ी में बदल जाती। खासकर जीएनएम ममता और दयानी ने मौके पर तत्काल ऑक्सीजन और बिजली कनेक्शन काट दी थी, जिससे आग नहीं बढी और बड़ी घटना को टाला गया।
सिविल सर्जन ने कहा कि जीएनएम को इस तरह की ट्रेनिंग पूर्व में दी गयी थी। समय आने पर इसका फायदा हुआ। उन्होंने कहा कि आपदा को लेकर गोष्ठी की जायेगी और ज्यादा से ज्यादा कर्मियों को जानकारी दी जायेगी ताकि घटनाओं के बाद निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि 30-35 लोगों की एक्टीव टीम बनायी जायेगी और उन्हें आपदा की स्थिति में कार्य कैसे किया जाता है, उसकी जानकारी दी जायेगी। ब्लॉक स्तर पर भी इस तरह की गोष्ठी होगी।
डाक्टर गौरव विशाल ने कहा कि घटना के तुरंत बाद एसएनसीयू वार्ड को खाली करा दिया गया था। किसी नवजात को कोई नुकसान नहीं होने दिया गया। चार घंटे बाद सिस्टम को ठीक कर पुनः उसी वार्ड में बच्चों को लाया गया। टीम वर्क के कारण बेहतर रिजल्ट मिला।
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