पंजाब के अबोहर में किसानों की मांगों के समर्थन में आयोजित किए गए बंद का व्यापक असर देखने को मिला है। स्थानीय किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए यह आंदोलन किया, जिसमें इक्का-दुक्का दुकानों को छोड़कर लगभग सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। सुबह के समय किसान संगठनों के सदस्य उन दुकानदारों से मिलते रहे, जो अपनी दुकानों को खोलने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने विनम्रता से उनसे अनुरोध किया कि वे अपने व्यवसाय को बंद करके आंदोलन का समर्थन करें।
धरने का आयोजन अबोहर के विभिन्न प्रमुख स्थलों जैसे मलोट चौक, श्रीगंगानगर रोड, हनुमानगढ़ रोड, मटीली रोड, सीतो रोड और मलोट रोड पर किया गया, जहां सुबह 7 बजे से ही किसान नेता धरने पर बैठ गए। इसके परिणामस्वरूप, इलाके में यातायात की स्थिति प्रभावित हुई और पूरी तरह से ठप हो गई। आंदोलन के चलते स्थानीय लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। इस अवधि में आवश्यक सेवाओं को जारी रखा गया, ताकि लोगों की प्राथमिक आवश्यकताओं का ध्यान रखा जा सके।
शहर के बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा छाया रहा। बसों और रेलगाड़ियों का संचालन थम गया, जिससे यात्रा करने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। शहर में परिवहन सेवाओं का ठप होना स्थानीय निवासियों के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। इस स्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन लगातार रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर निगरानी रख रहा था, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।
किसान आंदोलन के समर्थन में शहर के व्यापारी मंडल और अन्य यूनियनों ने पहले ही वादा किया था कि वे हड़ताल के दौरान किसानों का पूर्ण सहयोग करेंगे। इस समर्थन के परिणामस्वरूप, शहर भर में सभी प्रकार के व्यवसाय बंद रहे। स्थानीय स्कूल और कॉलेज भी इस बंद के कारण पूरी तरह से बंद रहे, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में भी कुछ दिन की रुकावट उत्पन्न हुई।
इस प्रकार, अबोहर में किसानों के इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने केंद्र सरकार के सामने उनकी मांगों को उठाने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया है। किसान संगठनों का यह प्रयास न केवल अपनी समस्याओं को उजागर करने का एक साधन है, बल्कि अन्य लोगों को भी अपने हक के लिए खड़े होने का प्रेरणा भी देता है। जैसा कि यह आंदोलन आगे बढ़ रहा है, सभी की निगाहें इस पर टिक गई हैं कि क्या सरकार इस बार किसानों की मांगों पर ध्यान देगी या नहीं।