70 गांवों में नहरी पानी पहुंचने की उम्मीद, ग्रामीणों की जिंदगी बदलने की संभावना!

**संगरूर में नहरी पानी की उपलब्धता की आस: सरकार ने लिया महत्वपूर्ण कदम**

भास्कर न्यूज द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, संगरूर जिले के मालेरकोटला, अमरगढ़ और धूरी क्षेत्रों के 70 गांवों के किसान अब नहरी पानी की सप्लाई पाने की उम्मीद कर सकते हैं। पंजाब सरकार ने इन गांवों के लिए नया रजवाहा निकालने का निर्णय लिया है और इस संबंध में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इससे पहले, स्थानीय लोगों ने लंबे समय से नहरी पानी की आपूर्ति के लिए संघर्ष किया था, जिसमें सीएम दफ्तर के समक्ष पक्का मोर्चा भी शामिल था। अब जब सरकार ने अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, तो क्षेत्र में खुशी का माहौल है।

पंजाब के जल स्रोत विभाग द्वारा कोटला ब्रांच नहर से निकलने वाले माहोराणा रजवाहे को अपग्रेड करने के साथ-साथ नए रजवाहे के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, इस परियोजना के अंतर्गत धूरी, मालेरकोटला और अमरगढ़ के 38 गांवों की 288 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जाएगी। इस नए रजवाहे की लंबाई 54.41 किलोमीटर होगी और इसके माध्यम से लगभग 54027 एकड़ कृषि भूमि को नहरी पानी की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। इससे न केवल ट्यूबवेलों के ऊपर से लोड कम होगा, बल्कि फसलों की पैदावार में भी बढ़ोतरी होगी।

भविष्य में जल स्रोतों की सुविधा मिलने से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। नहरी पानी के अभाव में क्षेत्र के किसानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था, और वे इस पानी के लिए तरसते रहते थे। संघर्ष कमेटी के प्रतिनिधि जरनैल सिंह जहांगीर ने कहा है कि 1882 में पंजाब के 5200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में खेती के लिए पानी की जरूरत को ध्यान में रखा गया था लेकिन यह क्षेत्र इसके लाभ से वंचित रह गया। इसी कारण, किसानों ने स्थानीय प्रशासन और सरकार पर नहरी पानी की मांग को लेकर दबाव डाला था।

2014 में बठिंडा ब्रांच नहर से 23 करोड़ की लागत से आधारभूत ढांचे के लिए नींव रखी गई थी, लेकिन उन परियोजनाओं के साथ आगे का कोई काम नहीं हुआ। अब जब सरकार ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है, तो यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही स्थानीय किसानों को नहरी पानी की सुविधा मिल सकेगी। संघर्ष कमेटी को उम्मीद है कि भूमि अधिग्रहण का काम जल्दी पूरा होगा, जिससे लोगों की वर्षों पुरानी मांग पूरी होगी और क्षेत्र में कृषि गतिविधियों में सुधार देखा जाएगा।

इस प्रकार, पंजाब सरकार की पहल से न केवल किसानों को उनकी आवश्यकता के अनुसार जल संसाधन मिलेंगे, बल्कि क्षेत्र का समग्र विकास भी संभव होगा। किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम साबित होगा, जिसका सकारात्मक असर उनकी जीवनशैली और कृषि पर पड़ेगा।