लुधियाना में नववर्ष का स्वागत भव्य तरीके से किया गया। बुधवार, 1 जनवरी 2025 को शहर के प्रमुख मंदिरों और गुरूद्वारों में उत्सव का माहौल बना रहा। इस अवसर पर विशेष कीर्तन आयोजित किए गए और संगतों के लिए लंगर भी वितरित किए गए। हैबोवाल क्षेत्र में स्थित श्री हनुमान मंदिर, दुर्गा माता मंदिर, दंडी स्वामी मंदिर, गोपाल भवन, इस्कान मंदिर, संकटमोचन हनुमान मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर और माडल टाऊन स्थित श्री कृष्ण मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। सुबह से ही भक्तों का आगमन जारी रहा और सभी ने मंदिरों में माथा टेककर नए साल का आगाज़ किया।
शाम के वक्त, रात 9 बजे से 12 बजे तक मंदिरों में कीर्तन का आयोजन किया गया। श्रद्धालु उत्साह से इस कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे। जैसे ही घड़ी ने 12 बजाए, भक्तों ने भगवान के जयघोष के साथ नववर्ष का स्वागत किया। इस मौके पर खुशी का इजहार करते हुए लोगों ने आतिशबाज़ी भी की, जिससे वातावरण और भी उत्सवमयी बन गया। नववर्ष के पहले दिन मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की सौफीट्सीला चलती रही, जहां भक्तजन अपनी श्रद्धा के साथ माथा टेकने के लिए जुटे रहे।
गुरूद्वारों में भी समर्पित श्रद्धालुओं का तांता रहा। लुधियाना के विभिन्न गुरूद्वारों, जैसे बाबा दीप सिंह गुरूद्वारा, नानकसर गुरूद्वारा, गुरूद्वारा श्री दुख निवारण साहिब, गुरूद्वारा आलम गिर साहिब और माडल टाऊन सिंह सभा गुरूद्वारे में कीर्तन की धुन गूंजती रही। रात 9 बजे से लेकर 12 बजे तक रागी जत्थों ने संगत का मनोरंजन किया। भक्ति के इस अद्भुत संयोग ने सभी को एक साथ जोड़ने का काम किया, जिसमें श्रद्धालुओं ने नए साल की शुरूआत करते हुए माथा टेका।
नववर्ष की पहली आरती में शहरवासी भाग लेने के लिए उत्सुक थे। हैबोवाल के श्री हनुमान मंदिर कमेटी के चेयरमैन रिशी जैन और दुर्गा माता मंदिर के सेवादार वरिंदर मित्तल के अनुसार, 12 बजे महाआरती का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर सभी ने अपने परिवार की सुख और शांति के लिए प्रार्थना की। लंगर की व्यवस्था के माध्यम से भी संगतों को प्रसाद प्रदान किया गया, जिससे सभी को सेवा का एहसास हुआ।
लुधियाना में इस तरह नए साल का स्वागत सही मायने में एक सामूहिक उत्सव का रूप ले चुका है, जिसमें हर कोई अपनी धार्मिक आस्था के साथ शामिल होता है। यह केवल एक नया वर्ष नहीं बल्कि एक नई शुरुआत, आशाओं और खुशियों से भरा एक नया अध्याय है। इस प्रकार, लुधियाना के भक्तों ने अपने आराध्य देवताओं के प्रति अपनी भक्ति और प्रेम को सच्चाई के साथ मनाया।