रविवार रात को जालंधर के भार्गव कैंप क्षेत्र में एक युवक की नशे की ओवरडोज के कारण मौत हो गई। मृतक की पहचान बस्ती बावा खेल के मोहल्ला राज नगर निवासी पारस भगत के रूप में हुई है। इस घटना के बाद पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता शीतल अंगुराल ने पीड़ित परिवार के घर जाकर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने इस दुखद घटना के लिए आम आदमी पार्टी की राज्य सरकार और स्थानीय पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए, आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। शीतल अंगुराल ने स्पष्ट किया कि यदि पुलिस नशा तस्करों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है, तो वे पारस का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।
परिवार का कहना है कि पारस की नशे की लत के कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई थी और उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंगुराल ने एक दिन पहले ही सोशल मीडिया पर एक लाइव सेशन के दौरान क्षेत्र में नशे की बिक्री के बारे में बात की थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि एक युवक की ओवरडोज के कारण गंभीर स्थिति में भर्ती किया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। पूर्व विधायक ने पुलिस से अपील की कि वे नशा तस्करों को तुरंत गिरफ्तार करें और कार्यवाही को तेज करें।
पारेंट्स ने पुलिस को बताया कि उन्हें इलाके में नशे की मात्रा की जानकारी है और यदि वे चाहें तो वे इसे रोक सकते हैं। शीतल अंगुराल ने युवा की मौत के बाद लोगों में बढ़ते आक्रोश का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जैसे ही लोगों को पारस की मौत का पता चला, उनमें गहरा दुख और नाराजगी व्याप्त हो गई। इस घटना के चलते, पारस के परिवार ने सोमवार को कैंप बाजार को बंद करने का ऐलान किया है, ताकि वे शोक के साथ साथ इस मुद्दे पर एकजुटता प्रदर्शित कर सकें।
स्वाभाविक रूप से, इस दर्दनाक घटना के बाद मोहल्ले के सभी लोग एकजुट हो गए हैं और वे नशा तस्करों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पूर्व विधायक ने कहा कि पारस की उम्र मात्र 21 साल थी और उनके परिवार ने अधिकारियों से गुहार लगाई है कि वे उनके इलाके में नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाएं। अंततः, यह मामला न सिर्फ पारस के परिवार का है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी बनकर उभरा है कि नशे की राजनीति और तस्करी को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
इस घटना ने जालंधर के निवासियों को नशे के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया है और उम्मीद की जा रही है कि यह घटना स्थानीय अधिकारियों को नशे के खिलाफ ठोस कदम उठाने पर मजबूर करेगी। पारस के परिवार की मांग और लोगों का समर्थन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।